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चारागाह भूमि पर बने आवासों को तोड़ने पर कोर्ट ने लगाई रोक

निवाई तहसील के खोड़ा का खेड़ा गांव की चारागाह भूमि पर रह रहे लोगों के आवासों के तोड़ने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी (Court stays on demolition) है. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रमुख राजस्व सचिव और टोंक कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है. अपील में कहा गया है कि निर्माणों को नहीं तोड़कर सरकार इन्हें नियमित करे.

Rajasthan High Court stays on demolition of houses built on pasture land
चारागाह भूमि पर बने आवासों को तोड़ने पर कोर्ट ने लगाई रोक
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Published : Jul 22, 2022, 8:57 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 12:28 AM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निवाई तहसील के खोड़ा का खेड़ा गांव की चारागाह भूमि पर बने आवासों को तोड़ने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख राजस्व सचिव और टोंक कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश राम कल्याण जाट व अन्य की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि अपीलार्थी पिछले तीन दशक से आबादी के समीप स्थित इस चारागाह भूमि पर आवास बनाकर रह रहे हैं. स्थानीय ग्राम पंचायत ने भी इस चारागाह भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन करने के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन नायब तहसीलदार ने अपीलार्थियों के निर्माण को हटाने के आदेश दे दिए. अपील में कहा गया कि अपीलार्थियों के पास रहने के लिए और कोई आवास नहीं है. ऐसे में उनके निर्माणों को नहीं तोड़ा जाए और राज्य सरकार को इन्हें नियमित करने के निर्देश जारी किए जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने आवासों को तोड़ने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निवाई तहसील के खोड़ा का खेड़ा गांव की चारागाह भूमि पर बने आवासों को तोड़ने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख राजस्व सचिव और टोंक कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश राम कल्याण जाट व अन्य की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि अपीलार्थी पिछले तीन दशक से आबादी के समीप स्थित इस चारागाह भूमि पर आवास बनाकर रह रहे हैं. स्थानीय ग्राम पंचायत ने भी इस चारागाह भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन करने के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन नायब तहसीलदार ने अपीलार्थियों के निर्माण को हटाने के आदेश दे दिए. अपील में कहा गया कि अपीलार्थियों के पास रहने के लिए और कोई आवास नहीं है. ऐसे में उनके निर्माणों को नहीं तोड़ा जाए और राज्य सरकार को इन्हें नियमित करने के निर्देश जारी किए जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने आवासों को तोड़ने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

पढ़ें: Rajasthan High Court: कृषि उपज मंडी की जमीन कुर्क करने के आदेश पर रोक

Last Updated : Jul 23, 2022, 12:28 AM IST
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