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राजस्थान हाई कोर्टः द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को पुरानी पेंशन देने पर करें विचार

राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2003 में चयनित अभ्यर्थियों को पुरानी पेंशन देने पर विचार करे. इसके साथ ही अदालत ने अभ्यर्थियों को इस संबंध में विभाग में अपना अभ्यावेदन पेश करने को कहा है.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को पुरानी पेंशन देने पर करें विचार
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Published : Sep 18, 2021, 7:14 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 8:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2003 में चयनित अभ्यर्थियों को पुरानी पेंशन देने पर विचार करे. इसके साथ ही अदालत ने अभ्यर्थियों को इस संबंध में विभाग में अपना अभ्यावेदन पेश करने को कहा है. न्यायाधीश अरुण भंसाली ने यह आदेश राम अवतार और अन्य की याचिका पर दिए.

पढ़ेंः राजस्थान सिविल सेवाः नियमों के विपरीत किए गए तबादला आदेश पर रोक, मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने साल 2003 में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती निकाली थी. जिसमें कुछ अभ्यर्थियों को उसी साल नियुक्ति देकर पुरानी पेंशन का लाभ दिया गया.

दूसरी ओर जनवरी 2004 में अंशदायी पेंशन योजना लागू हो गई. वहीं, समान भर्ती में याचिकाकर्ताओं को साल 2004 में नियुक्ति दी गई, लेकिन समान भर्ती होने के बावजूद याचिकाकर्ताओं को पुरानी पेंशन के बजाए अंशदायी पेंशन योजना का लाभ ही दिया गया है.

पढ़ेंः राजस्थान पर 'पंजाब इफेक्ट' : कैप्टन के इस्तीफे के बाद राजस्थान में बढ़ी सियासी बेचैनी, सवाल ये कि पायलट को क्या मिलेगा ?

इस संबंध में हाईकोर्ट की खंडपीठ भी राज्य सरकार को दिशा निर्देश दे चुकी है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं को पुरानी पेंशन देने पर विचार करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2003 में चयनित अभ्यर्थियों को पुरानी पेंशन देने पर विचार करे. इसके साथ ही अदालत ने अभ्यर्थियों को इस संबंध में विभाग में अपना अभ्यावेदन पेश करने को कहा है. न्यायाधीश अरुण भंसाली ने यह आदेश राम अवतार और अन्य की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने साल 2003 में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती निकाली थी. जिसमें कुछ अभ्यर्थियों को उसी साल नियुक्ति देकर पुरानी पेंशन का लाभ दिया गया.

दूसरी ओर जनवरी 2004 में अंशदायी पेंशन योजना लागू हो गई. वहीं, समान भर्ती में याचिकाकर्ताओं को साल 2004 में नियुक्ति दी गई, लेकिन समान भर्ती होने के बावजूद याचिकाकर्ताओं को पुरानी पेंशन के बजाए अंशदायी पेंशन योजना का लाभ ही दिया गया है.

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इस संबंध में हाईकोर्ट की खंडपीठ भी राज्य सरकार को दिशा निर्देश दे चुकी है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं को पुरानी पेंशन देने पर विचार करने को कहा है.

Last Updated : Sep 18, 2021, 8:02 PM IST
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