ETV Bharat / city

एसीबी ने रंगे हाथ किया था थानेदार को गिरफ्तार, शिकायत करने वाला बयानों से पलटा, तो कोर्ट ने आरोपी को किया बरी - एसीबी ने रंगे हाथ किया था थानेदार को गिरफ्तार

साल 2014 में एक शिकायतकर्ता ने थानेदार पर एक मामले में कार्रवाई नहीं करने की एवज में घूस मांगने का आरोप लगाया था. इस पर एसीबी ने थानेदार की दराज से रुपए बरामद किए. इस मामले में थानेदार को 2018 में 4 साल की सजा हुई. इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने आरोपी की सजा को रद्द करते हुए इस आधार पर बरी कर दिया है कि अभियोजन पक्ष अपनी कहानी को प्रमाणिक नहीं कर (High court set free policeman in bribe case) पाया.

Rajasthan High court set free policeman in bribe case after not found guilty
एसीबी ने रंगे हाथ किया था थानेदार को गिरफ्तार, शिकायत करने वाला बयानों से पलटा, तो कोर्ट ने आरोपी को किया बरी
author img

By

Published : Jun 1, 2022, 8:56 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रिश्वत मामले में थानेदार को एसीबी कोर्ट, अलवर से मिली 4 साल की सजा को रद्द करते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया (High court set free policeman in bribe case) है. जस्टिस उमाशंकर व्यास ने यह आदेश अशोक यादव की अपील को स्वीकार करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष अपनी कहानी को किसी भी तरह प्रमाणिक नहीं कर पाया. इसके अलावा ट्रायल कोर्ट ने तथ्यों और साक्ष्य का सही रूप से विश्लेषण किए बिना न्यायिक दृष्टांतों में बताई व्यवस्था के विपरीत जाकर अनुमान के आधार पर सजा दी है. ऐसे में इसे निरस्त कर आरोपी को दोषमुक्त करना विधि सम्मत (bribe accused not found guilty) है.

अपील में अधिवक्ता अरविन्द कुमार गुप्ता व अन्य ने अदालत को बताया कि एसीबी कोर्ट, अलवर ने 22 जनवरी, 2018 को अपीलार्थी को रिश्वत लेने के मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी. जबकि प्रकरण में एसीबी में शिकायत देने वाले धर्मवीर ने अपने बयान में अपीलार्थी पर रिश्वत का आरोप नहीं लगाया है. रिपोर्ट में रिश्वत की बात एसीबी के दबाव में लिखना स्वीकार किया है. इसके साथ ही उसने थाने में अपीलार्थी के कमरे में रखी दराज में मौका देखकर पाउडर लगे रुपए रख दिए थे. वहीं एसीबी के निरीक्षक बृजपाल से अपीलार्थी का पुराना मतभेद था. इसके चलते उससे बदला लेने के लिए यह कार्रवाई की गई थी.

पढ़ें: 200 रुपए रिश्वत का मामला: 40 साल बाद भ्रष्टाचार के मामले में बरी, हाईकोर्ट से 32 साल बाद अपील का हुआ निस्तारण

मामले के अनुसार परिवादी धर्मवीर ने 29 अगस्त, 2014 को एसीबी चौकी-प्रथम पर तैनात निरीक्षक बृजपाल को रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा गया कि बीते दिन वह अपनी जीप से सोडावास से अलवर आ रहा था. इस दौरान सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिल से जीप की टक्कर हो गई. जिसके चलते मामला ततारपुर थाने पहुंच गया. यहां थानेदार अशोक यादव ने मामले में कार्रवाई नहीं करने के बदले 8 हजार रुपए रिश्वत मांगी. वह रिश्वत नहीं देना चाहता था और थानेदार को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने अपीलार्थी के दराज से रुपए बरामद कर उसे गिरफ्तार किया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रिश्वत मामले में थानेदार को एसीबी कोर्ट, अलवर से मिली 4 साल की सजा को रद्द करते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया (High court set free policeman in bribe case) है. जस्टिस उमाशंकर व्यास ने यह आदेश अशोक यादव की अपील को स्वीकार करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष अपनी कहानी को किसी भी तरह प्रमाणिक नहीं कर पाया. इसके अलावा ट्रायल कोर्ट ने तथ्यों और साक्ष्य का सही रूप से विश्लेषण किए बिना न्यायिक दृष्टांतों में बताई व्यवस्था के विपरीत जाकर अनुमान के आधार पर सजा दी है. ऐसे में इसे निरस्त कर आरोपी को दोषमुक्त करना विधि सम्मत (bribe accused not found guilty) है.

अपील में अधिवक्ता अरविन्द कुमार गुप्ता व अन्य ने अदालत को बताया कि एसीबी कोर्ट, अलवर ने 22 जनवरी, 2018 को अपीलार्थी को रिश्वत लेने के मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी. जबकि प्रकरण में एसीबी में शिकायत देने वाले धर्मवीर ने अपने बयान में अपीलार्थी पर रिश्वत का आरोप नहीं लगाया है. रिपोर्ट में रिश्वत की बात एसीबी के दबाव में लिखना स्वीकार किया है. इसके साथ ही उसने थाने में अपीलार्थी के कमरे में रखी दराज में मौका देखकर पाउडर लगे रुपए रख दिए थे. वहीं एसीबी के निरीक्षक बृजपाल से अपीलार्थी का पुराना मतभेद था. इसके चलते उससे बदला लेने के लिए यह कार्रवाई की गई थी.

पढ़ें: 200 रुपए रिश्वत का मामला: 40 साल बाद भ्रष्टाचार के मामले में बरी, हाईकोर्ट से 32 साल बाद अपील का हुआ निस्तारण

मामले के अनुसार परिवादी धर्मवीर ने 29 अगस्त, 2014 को एसीबी चौकी-प्रथम पर तैनात निरीक्षक बृजपाल को रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा गया कि बीते दिन वह अपनी जीप से सोडावास से अलवर आ रहा था. इस दौरान सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिल से जीप की टक्कर हो गई. जिसके चलते मामला ततारपुर थाने पहुंच गया. यहां थानेदार अशोक यादव ने मामले में कार्रवाई नहीं करने के बदले 8 हजार रुपए रिश्वत मांगी. वह रिश्वत नहीं देना चाहता था और थानेदार को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने अपीलार्थी के दराज से रुपए बरामद कर उसे गिरफ्तार किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.