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राजस्थान हाईकोर्ट: GNM कोर्स का परिणाम जारी नहीं करने पर मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का जीएनएम कोर्स के तृतीय वर्ष का परिणाम घोषित नहीं करने पर राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार, चिकित्सा सचिव और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश रवि दत्त शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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जीएनएम कोर्स का परिणाम जारी नहीं करने पर मांगा जवाब
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Published : Jun 15, 2020, 9:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का जीएनएम कोर्स के तृतीय वर्ष का परिणाम घोषित नहीं करने पर राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार, चिकित्सा सचिव और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश रवि दत्त शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुनील सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने जामिया उर्दू अलीगढ़ से अदीब ए माहिर की परीक्षा पास करने के बाद राजस्थान नर्सिंग काउंसिल से जीएनएम प्रशिक्षण कोर्स में प्रवेश लिया. याचिकाकर्ता की ओर से जीएनएम कोर्स की प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा पास करने के बाद काउंसिल ने उसका तीसरे साल का परिणाम जारी नहीं किया.

पढ़ें: जयपुर: बाड़ेबंदी के बीच रिसोर्ट में क्रिकेट, फुटबॉल और साइकिलिंग का लुत्फ उठा रहे विधायक

याचिका में कहा गया कि काउंसिल ने जामिया उर्दू की डिग्री को राजस्थान बोर्ड की सीनियर सेकेंडरी के समतुल्य नहीं माना. जबकि हाईकोर्ट की लार्जर बेंच गत 20 फरवरी को तय कर चुकी है कि जामिया की यह डिग्री राजस्थान बोर्ड की सीनियर सेकेंडरी की डिग्री के समान है. इसके बावजूद भी काउंसिल की ओर से परीक्षा का परिणाम जारी नहीं करना गलत है जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

हाईकोर्ट के दखल के बाद सेवारत रेजिडेंट चिकित्सक परीक्षा में हुआ शामिल

राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से दखल दिए जाने के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमडी मेडिसिन कोर्स में अध्ययनरत सेवारत रेजीडेंट चिकित्सक को सोमवार को आयोजित एपीजी परीक्षा में शामिल किया गया. वहीं याचिकाकर्ता डॉ. रवि काबरा की याचिका पर सुनवाई करते हुए अवकाशकालीन न्यायाधीश नरेंद्र सिंह ने डॉक्टर का परीक्षा परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखने को कहा है.

पढ़ें: ETV Bharat पर राज्यसभा चुनाव और कोरोना पर बेबाकी से बोले सतीश पूनिया, कहा- लोग मर रहे हैं और मंत्री कर रहे मौज मस्ती

याचिका में अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पारिवारिक विवाद और दहेज प्रताड़ना के मामले में गिरफ्तार होने के चलते वह 78 दिन का अध्ययन नहीं कर पाया था. हालांकि बाद में SMS मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इन दिनों की छूट दे दी थी, लेकिन अब उसे परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

याचिकाकर्ता के आईएएस ससुर के प्रभाव के चलते ऐसा किया जा रहा है. जबकि याचिकाकर्ता 3 माह से कोरोना वायरस वार्ड में अपनी सेवाएं दे रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि यह परीक्षा सोमवार को ही दोपहर में आयोजित की जानी है. इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए. जिसके चलते दोपहर 2 बजे आयोजित परीक्षा में याचिकाकर्ता शामिल हो सका.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का जीएनएम कोर्स के तृतीय वर्ष का परिणाम घोषित नहीं करने पर राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार, चिकित्सा सचिव और अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश रवि दत्त शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुनील सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने जामिया उर्दू अलीगढ़ से अदीब ए माहिर की परीक्षा पास करने के बाद राजस्थान नर्सिंग काउंसिल से जीएनएम प्रशिक्षण कोर्स में प्रवेश लिया. याचिकाकर्ता की ओर से जीएनएम कोर्स की प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा पास करने के बाद काउंसिल ने उसका तीसरे साल का परिणाम जारी नहीं किया.

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याचिका में कहा गया कि काउंसिल ने जामिया उर्दू की डिग्री को राजस्थान बोर्ड की सीनियर सेकेंडरी के समतुल्य नहीं माना. जबकि हाईकोर्ट की लार्जर बेंच गत 20 फरवरी को तय कर चुकी है कि जामिया की यह डिग्री राजस्थान बोर्ड की सीनियर सेकेंडरी की डिग्री के समान है. इसके बावजूद भी काउंसिल की ओर से परीक्षा का परिणाम जारी नहीं करना गलत है जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

हाईकोर्ट के दखल के बाद सेवारत रेजिडेंट चिकित्सक परीक्षा में हुआ शामिल

राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से दखल दिए जाने के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमडी मेडिसिन कोर्स में अध्ययनरत सेवारत रेजीडेंट चिकित्सक को सोमवार को आयोजित एपीजी परीक्षा में शामिल किया गया. वहीं याचिकाकर्ता डॉ. रवि काबरा की याचिका पर सुनवाई करते हुए अवकाशकालीन न्यायाधीश नरेंद्र सिंह ने डॉक्टर का परीक्षा परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखने को कहा है.

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याचिका में अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पारिवारिक विवाद और दहेज प्रताड़ना के मामले में गिरफ्तार होने के चलते वह 78 दिन का अध्ययन नहीं कर पाया था. हालांकि बाद में SMS मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इन दिनों की छूट दे दी थी, लेकिन अब उसे परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

याचिकाकर्ता के आईएएस ससुर के प्रभाव के चलते ऐसा किया जा रहा है. जबकि याचिकाकर्ता 3 माह से कोरोना वायरस वार्ड में अपनी सेवाएं दे रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि यह परीक्षा सोमवार को ही दोपहर में आयोजित की जानी है. इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए. जिसके चलते दोपहर 2 बजे आयोजित परीक्षा में याचिकाकर्ता शामिल हो सका.

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