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Rajasthan High Court: गोविंद देवजी मंदिर परिसर की दुकानों में तोड़फोड़ पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

हाल ही में जयपुर में गोविंद देवजी मंदिर परिसर स्थित दुकानों में हेरिटेज नगर निगम की ओर से अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान कई दुकानों में तोड़फोड़ करने पर हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने जवाब मांगा है. हाईकोर्ट की माने तो अतिक्रमण को लेकर सिर्फ तीन दुकानों को लेकर आदेश जारी किए गए थे.

Govind Devji temple complex shops vandalism case
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Dec 27, 2021, 7:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने गोविंद देवजी मंदिर परिसर स्थित दुकानों में हेरिटेज नगर निगम की ओर से तोड़फोड़ (Govind Devji temple complex shops vandalism case) करने पर स्वायत्त शासन सचिव, निगम आयुक्त और महाराजा सवाई मान सिंह म्यूजियम ट्रस्ट द्वितीय सहित अन्य से जवाब मांगा है. न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की विशेष पीठ ने यह आदेश राजेश कुमार जोशी व 17 अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता संदीप गुप्ता ने अदालत को बताया कि हेरिटेज नगर निगम की ओर से गत 14 दिसंबर को सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कर हाईकोर्ट के वर्ष 2009 और 15 जनवरी 2014 के आदेशें का हवाला देते हुए मंदिर परिसर की दुकानों को शिफ्ट कर अतिक्रमण हटाने की जानकारी दी गई. जबकि हाईकोर्ट ने 15 जनवरी 2014 को आदेश जारी कर केवल तीन दुकानदारों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे.

पढ़ें. राजस्थान हाईकोर्ट फैसला : कोटपूतली में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर लगी रोक..कोर्ट ने कहा- पालिका ने कार्रवाई में प्रक्रिया की अवहेलना की

इसके अलावा हाईकोर्ट ने वर्ष 2006 में एक जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए यह माना था कि मंदिर परिसर में स्थित दुकानें सरकारी या निगम की संपत्ति पर बनी हुई नहीं हैं. ऐसे में उन्हें जनहित याचिका के तहत बेदखल करने का आदेश पारित नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद नगर निगम की ओर से हाईकोर्ट के आदेश की आड़ में दुर्भावना पूर्वक याचिकाकर्ता की दुकानों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई है. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने गोविंद देवजी मंदिर परिसर स्थित दुकानों में हेरिटेज नगर निगम की ओर से तोड़फोड़ (Govind Devji temple complex shops vandalism case) करने पर स्वायत्त शासन सचिव, निगम आयुक्त और महाराजा सवाई मान सिंह म्यूजियम ट्रस्ट द्वितीय सहित अन्य से जवाब मांगा है. न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की विशेष पीठ ने यह आदेश राजेश कुमार जोशी व 17 अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता संदीप गुप्ता ने अदालत को बताया कि हेरिटेज नगर निगम की ओर से गत 14 दिसंबर को सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कर हाईकोर्ट के वर्ष 2009 और 15 जनवरी 2014 के आदेशें का हवाला देते हुए मंदिर परिसर की दुकानों को शिफ्ट कर अतिक्रमण हटाने की जानकारी दी गई. जबकि हाईकोर्ट ने 15 जनवरी 2014 को आदेश जारी कर केवल तीन दुकानदारों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे.

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इसके अलावा हाईकोर्ट ने वर्ष 2006 में एक जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए यह माना था कि मंदिर परिसर में स्थित दुकानें सरकारी या निगम की संपत्ति पर बनी हुई नहीं हैं. ऐसे में उन्हें जनहित याचिका के तहत बेदखल करने का आदेश पारित नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद नगर निगम की ओर से हाईकोर्ट के आदेश की आड़ में दुर्भावना पूर्वक याचिकाकर्ता की दुकानों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई है. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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