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हाईकोर्ट ने मेडिकल ऑफिसर भर्ती को लेकर मांगा जवाब

मेडिकल ऑफिसर भर्ती 2019 में लिखित परीक्षा के बाद जारी मेडिकल काउंसिल के प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

मेडिकल ऑफिसर भर्ती 2019, Medical Officer Recruitment 2019
मेडिकल ऑफिसर भर्ती को लेकर मांगा जवाब
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Published : Apr 24, 2020, 9:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मेडिकल ऑफिसर भर्ती 2019 में लिखित परीक्षा के बाद जारी मेडिकल काउंसिल के प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं करने के मामले में प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और समन्वयक आरयूएचएस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश डॉक्टर राजेश यादव की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि भर्ती में याचिकाकर्ता के अंक ओबीसी कटऑफ से अधिक हैं. इसके बावजूद उसे यह कहते हुए भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया कि आरएमसी ने उसका प्रमाण पत्र गत 19 जनवरी को हुई लिखित परीक्षा के बाद जारी किया है.

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याचिका में कहा गया कि उसने इंटर्नशिप पूरी कर गत सितंबर माह में ही प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर दिया था. ऐसे में यदि प्रमाण पत्र देने से मिलता है तो इसमें याचिकाकर्ता का कोई दोष नहीं है. इसके अलावा वह भर्ती में भी अधिक अंक प्राप्त कर चुका है. ऐसे में उसे भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं करना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मेडिकल ऑफिसर भर्ती 2019 में लिखित परीक्षा के बाद जारी मेडिकल काउंसिल के प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं करने के मामले में प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और समन्वयक आरयूएचएस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश डॉक्टर राजेश यादव की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि भर्ती में याचिकाकर्ता के अंक ओबीसी कटऑफ से अधिक हैं. इसके बावजूद उसे यह कहते हुए भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया कि आरएमसी ने उसका प्रमाण पत्र गत 19 जनवरी को हुई लिखित परीक्षा के बाद जारी किया है.

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याचिका में कहा गया कि उसने इंटर्नशिप पूरी कर गत सितंबर माह में ही प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर दिया था. ऐसे में यदि प्रमाण पत्र देने से मिलता है तो इसमें याचिकाकर्ता का कोई दोष नहीं है. इसके अलावा वह भर्ती में भी अधिक अंक प्राप्त कर चुका है. ऐसे में उसे भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं करना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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