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Rajasthan High Court: एसीबी प्रकरण में आरोपी, ट्रैप पार्टी और गवाहों की टॉवर लोकेशन सुरक्षित रखें

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Published : May 21, 2022, 9:41 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीबी की ओर से किए गए ट्रैप के मामले में कहा है कि प्रकरण (Court said ACB case keep the tower location of the accused ) के आरोपी, ट्रैप पार्टी और गवाहों की टॉवर लोकेशन सुरक्षित रखा जाएं. कोर्ट ने यह आदेश राजेश कुमार सिंह की याचिका पर दिए.

Rajasthan High Court hearing,  ACB court orders canceled
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीबी की ओर से किए गए ट्रैप के मामले में कहा है कि प्रकरण (Court said ACB case keep the tower location of the accused ) के आरोपी, ट्रैप पार्टी और गवाहों की टॉवर लोकेशन सुरक्षित रखा जाए और उसे ट्रायल के दौरान एसीबी कोर्ट में पेश किया जाए. अदालत ने चेताया है कि ऐसा नहीं करने पर इसे साक्ष्य अधिनियम के तहत अभियोजन पक्ष के खिलाफ माना जाएगा. वहीं अदालत ने इस संबंध में एसीबी कोर्ट की ओर से दिए आदेश को निरस्त कर दिया है.

जस्टिस बीरेन्द्र कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश राजेश कुमार सिंह की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को एसीबी ने 20 जून 2021 को ट्रैप कर मामला दर्ज किया था. याचिकाकर्ता की ओर से एसीबी की इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए सही तथ्य अदालत के सामने लाने के लिए एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था. जिसमें गुहार की गई थी कि ट्रैप कार्रवाई में शामिल अधिकारियों, स्वतंत्र गवाहों और आरोपी की ट्रैप कार्रवाई के समय की मोबाइल टावर लोकेशन टेलीकॉम कंपनियों से मंगाई जाए. लेकिन एसीबी कोर्ट ने गत 24 मार्च को इस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. याचिका में कहा गया कि ट्रैप कार्रवाई की सत्यता की जांच मोबाइल टावर लोकेशन से साबित हो सकती है. ऐसे में टावर लोकेशन को सुरक्षित रखने के आदेश दिए जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने टावर लोकेशन सुरक्षित रखने के आदेश देते हुए इसे सुनवाई के दौरान एसीबी कोर्ट में पेश करने को कहा है और ऐसा नहीं करने पर इसे अभियोजन पक्ष के खिलाफ माना जाएगा.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीबी की ओर से किए गए ट्रैप के मामले में कहा है कि प्रकरण (Court said ACB case keep the tower location of the accused ) के आरोपी, ट्रैप पार्टी और गवाहों की टॉवर लोकेशन सुरक्षित रखा जाए और उसे ट्रायल के दौरान एसीबी कोर्ट में पेश किया जाए. अदालत ने चेताया है कि ऐसा नहीं करने पर इसे साक्ष्य अधिनियम के तहत अभियोजन पक्ष के खिलाफ माना जाएगा. वहीं अदालत ने इस संबंध में एसीबी कोर्ट की ओर से दिए आदेश को निरस्त कर दिया है.

जस्टिस बीरेन्द्र कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश राजेश कुमार सिंह की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को एसीबी ने 20 जून 2021 को ट्रैप कर मामला दर्ज किया था. याचिकाकर्ता की ओर से एसीबी की इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए सही तथ्य अदालत के सामने लाने के लिए एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था. जिसमें गुहार की गई थी कि ट्रैप कार्रवाई में शामिल अधिकारियों, स्वतंत्र गवाहों और आरोपी की ट्रैप कार्रवाई के समय की मोबाइल टावर लोकेशन टेलीकॉम कंपनियों से मंगाई जाए. लेकिन एसीबी कोर्ट ने गत 24 मार्च को इस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. याचिका में कहा गया कि ट्रैप कार्रवाई की सत्यता की जांच मोबाइल टावर लोकेशन से साबित हो सकती है. ऐसे में टावर लोकेशन को सुरक्षित रखने के आदेश दिए जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने टावर लोकेशन सुरक्षित रखने के आदेश देते हुए इसे सुनवाई के दौरान एसीबी कोर्ट में पेश करने को कहा है और ऐसा नहीं करने पर इसे अभियोजन पक्ष के खिलाफ माना जाएगा.

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