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हाईकोर्ट का आदेश, आईजी पेश होकर बताए सिनोदिया हत्याकांड के गवाहों की सुरक्षा वापस क्यों ली? - अजमेर रेंज आईजी

राजस्थान हाईकोर्ट ने एमएलए नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया के अपहरण और हत्या के गवाहों की सुरक्षा वापस लेने पर अजमेर रेंज आईजी को 12 नवंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने आईजी से पूछा है कि उन्होंने गवाहों को दी गई सुरक्षा को वापस क्यों लिया गया.

राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, Rajasthan High Court asks an answer
राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Nov 7, 2020, 8:36 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने किशनगढ़ के पूर्व एमएलए नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया के अपहरण और हत्या के गवाहों की सुरक्षा वापस लेने पर अजमेर रेंज आईजी को 12 नवंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने आईजी से पूछा है कि उन्होंने गवाहों को दी गई सुरक्षा को वापस क्यों लिया और क्यों ना इसकी क्षतिपूर्ति संबंधित पुलिस अफसरों से की जाए.

अदालत ने आईजी को यह भी बताने को कहा है कि हत्याकांड के गवाह भागचंद चोटिया की हत्या के मामले में अब तक क्या अनुसंधान किया गया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश जोराराम चौधरी की याचिका पर दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि घटना से जुड़े एक अन्य चश्मदीद गवाह और सह याचिकाकर्ता भागचंद चोटिया की गत दिनों हमलावारों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई है.

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याचिकाकर्ता की जान को भी समान खतरा है. ऐसे में उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाए. याचिका में कहा गया कि पूर्व में उसे पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन मार्च 2019 में चुनाव का हवाला देते हुए उसकी सुरक्षा को वापस ले लिया गया. वहीं अगस्त 2019 में प्रकरण के दो आरोपियों की आजीवन सजा हाईकोर्ट से रद्द होने के बाद सितंबर 2019 में याचिकाकर्ता ने सुरक्षा के लिए याचिका पेश कर दी थी, लेकिन उसे अब तक सुरक्षा नहीं मिली. गौरतलब है कि जमीनी विवाद के चलते 9 मार्च 2011 को भंवर सिनोदिया की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने किशनगढ़ के पूर्व एमएलए नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया के अपहरण और हत्या के गवाहों की सुरक्षा वापस लेने पर अजमेर रेंज आईजी को 12 नवंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने आईजी से पूछा है कि उन्होंने गवाहों को दी गई सुरक्षा को वापस क्यों लिया और क्यों ना इसकी क्षतिपूर्ति संबंधित पुलिस अफसरों से की जाए.

अदालत ने आईजी को यह भी बताने को कहा है कि हत्याकांड के गवाह भागचंद चोटिया की हत्या के मामले में अब तक क्या अनुसंधान किया गया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश जोराराम चौधरी की याचिका पर दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि घटना से जुड़े एक अन्य चश्मदीद गवाह और सह याचिकाकर्ता भागचंद चोटिया की गत दिनों हमलावारों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई है.

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याचिकाकर्ता की जान को भी समान खतरा है. ऐसे में उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाए. याचिका में कहा गया कि पूर्व में उसे पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन मार्च 2019 में चुनाव का हवाला देते हुए उसकी सुरक्षा को वापस ले लिया गया. वहीं अगस्त 2019 में प्रकरण के दो आरोपियों की आजीवन सजा हाईकोर्ट से रद्द होने के बाद सितंबर 2019 में याचिकाकर्ता ने सुरक्षा के लिए याचिका पेश कर दी थी, लेकिन उसे अब तक सुरक्षा नहीं मिली. गौरतलब है कि जमीनी विवाद के चलते 9 मार्च 2011 को भंवर सिनोदिया की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी.

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