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हाईकोर्ट ने श्री सीमेंट लि. की याचिका को किया खारिज, आयकर विभाग को करोड़ों रुपए का टैक्स मिलने का रास्ता साफ - Rajasthan High Court news

राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने श्री सीमेंट लि. की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही प्रकरण में आयकर निर्धारण पर लगी रोक भी हट गई है.

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राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका को किया खारिज
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Published : Dec 16, 2019, 9:33 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की ओर से ट्रांसफर प्राईसिंग ऑफिसर के क्षेत्राधिकार को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही प्रकरण में आयकर निर्धारण पर लगी रोक भी हट गई है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश श्री सीमेंट लि. की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए.

याचिका में केन्द्र सरकार की ओर से 3 नवंबर 2014 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी. अधिसूचना के तहत सरकार ने ट्रांसफर प्राईसिंग ऑफिसर का क्षेत्र जयपुर से हटाकर नई दिल्ली कर दिया था. साथ ही याचिका में कहा गया कि ऑफिसर का क्षेत्र बदलने से काफी असुविधओं का सामना करना पडे़गा. मामले में हाईकोर्ट ने गत वर्ष 5 मार्च को याचिकाकर्ता के पक्ष में स्टे जारी कर दिया था.

पढ़ेंः मोदी पर गहलोत का हमला, कहा- भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की भाजपा कर रही तैयारी

आयकर विभाग की ओर से एएसजी आरडी रस्तोगी ने बताया कि याचिकाकर्ता ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में दिल्ली के प्राईसिंग ऑफिसर के समक्ष ही कर निर्धारण कराया गया था. जिसमें विभाग का करीब 145 करोड़ रुपए का कर बना था. हाइकोर्ट के स्टे से पिछले पांच सालों का कर निर्धारण करना प्रभावित हो रहा है. जिसके चलते करीब सात सौ करोड़ रुपए के कर से विभाग वंचित हो रहा है. इसके अलावा कर निर्धारण अधिकारी तय करना विभाग का अधिकार है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की ओर से ट्रांसफर प्राईसिंग ऑफिसर के क्षेत्राधिकार को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही प्रकरण में आयकर निर्धारण पर लगी रोक भी हट गई है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश श्री सीमेंट लि. की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए.

याचिका में केन्द्र सरकार की ओर से 3 नवंबर 2014 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी. अधिसूचना के तहत सरकार ने ट्रांसफर प्राईसिंग ऑफिसर का क्षेत्र जयपुर से हटाकर नई दिल्ली कर दिया था. साथ ही याचिका में कहा गया कि ऑफिसर का क्षेत्र बदलने से काफी असुविधओं का सामना करना पडे़गा. मामले में हाईकोर्ट ने गत वर्ष 5 मार्च को याचिकाकर्ता के पक्ष में स्टे जारी कर दिया था.

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आयकर विभाग की ओर से एएसजी आरडी रस्तोगी ने बताया कि याचिकाकर्ता ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में दिल्ली के प्राईसिंग ऑफिसर के समक्ष ही कर निर्धारण कराया गया था. जिसमें विभाग का करीब 145 करोड़ रुपए का कर बना था. हाइकोर्ट के स्टे से पिछले पांच सालों का कर निर्धारण करना प्रभावित हो रहा है. जिसके चलते करीब सात सौ करोड़ रुपए के कर से विभाग वंचित हो रहा है. इसके अलावा कर निर्धारण अधिकारी तय करना विभाग का अधिकार है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की ओर से ट्रांसफर प्राईसिंग ऑफिसर के क्षेत्राधिकार को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही प्रकरण में आयकर निर्धारण पर लगी रोक भी हट गई है। मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश श्री सीमेंट लि. की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए।Body:याचिका में केन्द्र सरकार की ओर से 3 नवंबर 2014 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी। अधिसूचना के तहत सरकार ने ट्रांसफर प्राईसिंग ऑफिसर का क्षेत्र जयपुर से हटाकर नई दिल्ली कर दिया था। याचिका में कहा गया कि ऑफिसर का क्षेत्र बदलने से काफी असुविधओं का सामना करना पडेगा। मामले में हाईकोर्ट ने गत वर्ष 5 मार्च को याचिकाकर्ता के पक्ष में स्टे जारी कर दिया था। वहीं आयकर विभाग की ओर से एएसजी आरडी रस्तोगी ने बताया कि याचिकाकर्ता ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में दिल्ली के प्राईसिंग ऑफिसर के समक्ष ही कर निर्धारण कराया था। जिसमें विभाग का करीब 145 करोड रुपए का कर बना था। हाइकोर्ट के स्टे से पिछले पांच सालों का कर निर्धारण करना प्रभावित हो रहा है। जिसके चलते करीब सात सौ करोड रुपए के कर से विभाग वंचित हो रहा है। इसके अलावा कर निर्धारण अधिकारी तय करना विभाग का अधिकार है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।Conclusion:
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