जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में आरोपी भरत मालानी और अशोक सिंह को राहत दे दी है. अदालत ने दोनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाई है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश भरत और अशोक सिंह की याचिकाओं पर दिए.
याचिकाओं में अधिवक्ता विवेकराज बाजवा और पंकज गुप्ता ने बताया कि एसओजी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था. एफआईआर दर्ज होने के करीब एक महीने बाद गत 7 अगस्त को एसओजी ने क्षेत्राधिकार नहीं होने का हवाला देकर अदालत में एफआर पेश कर दी.
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याचिका में कहा गया कि एफआर पेश होने के अगले ही दिन एसीबी में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज कर ली गई, जो कि पुरानी एफआईआर के तथ्यों पर ही आधारित थी. जबकि प्रकरण को लेकर एक अन्य एफआईआर पहले से ही एसओजी में दर्ज थी.
याचिका में कहा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सत्ता के विवाद के चलते याचिकाकर्ताओं को मामले में फंसाया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है.