जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना में लगे संविदाकर्मियों को हटाने पर एसीएस स्वास्थ्य और चिकित्सा निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश शिवराज और अन्य की याचिका पर दिए.
पद से हटाने के निर्देशः याचिका में अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2013 से सीएम निःशुल्क जांच योजना में रेडियोग्राफर सहित अन्य पदों पर संविदा पर नियुक्त हैं. उन्होंने कोविड महामारी में भी निरंतर काम किया है. इसके बावजूद भी चिकित्सा विभाग उन्हें नियमित नहीं कर रहा है, बल्कि विभाग ने गत दिनों आदेश जारी कर उन्हें पद से हटाने के निर्देश दे दिए.
संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारीः याचिका में कहा गया कि विभाग में रेडियोग्राफर सहित अन्य पद रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में विभाग उन्हें हटाकर दूसरे संविदाकर्मियों को नियुक्ति देने जा रहा रहा है. जबकि नियमानुसार एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर दूसरे संविदाकर्मी को नहीं लगाया जा सकता, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.