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हाईकोर्ट: बीसलपुर से पेयजल सप्लाई को लेकर लंबित याचिका में जल संसाधन मंत्रालय को बनाया पक्षकार

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने बीसलपुर बांध (Bisalpur Dam) से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने से जुड़ी याचिका में जल संसाधन मंत्रालय को पक्षकार बनाया है. अदालत ने मामले की सुनवाई 2 सितंबर को तय की है.

Rajasthan High Court,  Drinking water supply from Bisalpur
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jul 21, 2021, 4:41 PM IST

Updated : Jul 21, 2021, 4:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने बीसलपुर बांध (Bisalpur Dam) से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने से जुड़ी याचिका में जल संसाधन मंत्रालय (Ministry of Water Resources) को पक्षकार बनाया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 2 सितंबर को तय की है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश लोकेन्द्र जैन की जनहित याचिका पर दिए.

पढ़ें- पूर्व कलेक्टर और गैंगस्टर पपला गुर्जर की याचिकाओं पर सुनवाई टली

सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने अदालत को बताया कि इस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (Eastern Rajasthan Canal Project) को लेकर पिछले दो दशक से अधिक समय से मामला केन्द्र सरकार के पास लंबित चल रहा है. इससे पेयजल के अलावा 2 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि को पानी उपलब्ध होगा. ऐसे में केंद्र सरकार को प्रकरण में पक्षकार बनाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने जल संसाधन मंत्रालय को पक्षकार बना लिया है.

जनहित याचिका में कहा गया है कि बीसलपुर बांध (Bisalpur Dam) के पानी की पहली प्राथमिकता पेयजल की होनी चाहिए. यदि पानी सरप्लस है तो उसे कृषि उपयोग के लिए छोड़ा जा सकता है. यदि यहां से पानी कृषि के लिए आरक्षित रखा गया तो आने वाले समय में जयपुर, अजमेर और टोंक के निवासियों के लिए पेयजल संकट खड़ा हो सकता है.

याचिका में कहा गया कि वर्ष 2022 में मानसून (Monsoon) आने से पहले बांध में करीब 11.5 टीएमसी पानी ही रहेगा. ऐसे में यदि अभी पानी को कृषि के लिए दिया गया तो आगामी दिनों में एक करोड़ की आबादी को पीने का पानी नहीं मिलेगा.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने बीसलपुर बांध (Bisalpur Dam) से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने से जुड़ी याचिका में जल संसाधन मंत्रालय (Ministry of Water Resources) को पक्षकार बनाया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 2 सितंबर को तय की है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश लोकेन्द्र जैन की जनहित याचिका पर दिए.

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सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने अदालत को बताया कि इस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (Eastern Rajasthan Canal Project) को लेकर पिछले दो दशक से अधिक समय से मामला केन्द्र सरकार के पास लंबित चल रहा है. इससे पेयजल के अलावा 2 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि को पानी उपलब्ध होगा. ऐसे में केंद्र सरकार को प्रकरण में पक्षकार बनाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने जल संसाधन मंत्रालय को पक्षकार बना लिया है.

जनहित याचिका में कहा गया है कि बीसलपुर बांध (Bisalpur Dam) के पानी की पहली प्राथमिकता पेयजल की होनी चाहिए. यदि पानी सरप्लस है तो उसे कृषि उपयोग के लिए छोड़ा जा सकता है. यदि यहां से पानी कृषि के लिए आरक्षित रखा गया तो आने वाले समय में जयपुर, अजमेर और टोंक के निवासियों के लिए पेयजल संकट खड़ा हो सकता है.

याचिका में कहा गया कि वर्ष 2022 में मानसून (Monsoon) आने से पहले बांध में करीब 11.5 टीएमसी पानी ही रहेगा. ऐसे में यदि अभी पानी को कृषि के लिए दिया गया तो आगामी दिनों में एक करोड़ की आबादी को पीने का पानी नहीं मिलेगा.

Last Updated : Jul 21, 2021, 4:47 PM IST
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