जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती- 2020 को लेकर (constable recruitment 2020) अजमेर जीआरपी, राजसमंद और बूंदी जिले में अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा (efficiency test of constable recruitment of three districts) लेने पर गत वर्ष 23 मार्च को लगाई अपनी रोक को हटा लिया है. साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को भी दक्षता परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश दिनेश कुमार जाखड़ व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कांस्टेबल पद पर भर्ती निकाली. भर्ती विज्ञापन की शर्त के अनुसार शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए पदों के मुकाबले पांच गुणा अभ्यर्थियों को बुलाना था. लेकिन विभाग ने तय अनुपात में अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं किया. याचिका में कहा गया कि जीआरपी अजमेर में 57 पद और राजसमंद में 33 पद ओबीसी पुरुष के लिए आरक्षित रखे गए थे.
नियमानुसार इन पदों के पांच गुणा अभ्यर्थियों को दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया जाना चाहिए था. लेकिन अजमेर में 285 अभ्यर्थियों के बजाए सिर्फ 97 अभ्यर्थियों को ही पास किया गया. इसी तरह अन्य जिलों में भी ओबीसी के कम अभ्यर्थी पास किए गए. दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया था कि पहले भूतपूर्व सैनिकों का परिणाम जारी किया गया था. जिसमें 43 पदों के मुकाबले 215 अभ्यर्थियों को पास किया गया था. इनमें 188 अभ्यर्थी ओबीसी वर्ग के थे. ऐसे में इस वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है. इसके अलावा प्रभावित अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि यदि याचिकाकर्ताओं को दक्षता परीक्षा में शामिल किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. इस पर अदालत ने दक्षता परीक्षा पर लगी रोक को हटाते हुए याचिकाकर्ताओं को इसमें शामिल करने को कहा है.