जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चैक अनादरण को लेकर एनआई एक्ट में गत वर्ष किए गए संशोधन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र गोयल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
पढ़ेंः विद्यार्थी व समर्थकों पर लाठीचार्ज के भारी विरोध के बाद अलवर कोतवाल निलंबित
याचिका में कहा गया कि एनआई एक्ट में वर्ष 2018 में संशोधन कर प्रावधान किया गया है कि चेक अनादरण के मामले में अदालत की ओर से प्रसंज्ञान लेने के बाद परिवादी के प्रार्थना पत्र पर चेक राशि की बीस फीसदी तक की राशि परिवादी को दिलाने का प्रावधान किया गया है.
याचिका में कहा गया कि यह प्रावधान फैसले से पहले ही आरोपी को सजा देने के समान है. इसके साथ ही इस प्रकार के आदेश की अपील का भी प्रावधान नहीं रखा गया है. जो कि समानता के अधिकार का उल्लंघन है. इस प्रावधान को लेकर निचली अदालत ने याचिकाकर्ता को बीस फीसदी राशि याचिकाकर्ता को मामले के परिवादी पक्ष को दिलाने के आदेश दिए गए. ऐसे में इस आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.