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कर्मचारियों की ग्रेड-पे को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख वित्त सचिव को जारी किया अवमानना नोटिस - राजस्थान न्यूज

हाईकोर्ट से जारी आदेश के बाद भी हाईकोर्ट कर्मचारियों को ग्रेड-पे का लाभ नहीं देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख वित्त सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है.

Rajasthan High Court Order News, राजस्थान हाइकोर्ट आदेश न्यूज
राजस्थान हाईकोर्ट ने वित्त सचिव को जारी किया अवमानना नोटिस
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Published : Jul 13, 2020, 8:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद हाईकोर्ट कर्मचारियों को ग्रेड-पे का लाभ नहीं देने के मामले में प्रमुख वित्त सचिव निरंजन आर्य को अवमानना नोटिस जारी किया है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश नरेंद्र कुमार माथुर की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर प्रमुख वित्त सचिव निरंजन आर्य को मामले में अवमानना कर्ता अधिकारी के तौर पर शामिल करने की गुहार की गई. इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने निरंजन आर्य को अवमानना नोटिस जारी किए.

पढ़ें- सुरक्षा गार्ड को न्यूनतम वेतन नहीं देने पर मांगा जवाब

अवमानना याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने 3 नवंबर, 2018 को आदेश जारी कर वरिष्ठ न्यायिक सहायक को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने के आदेश देते हुए ग्रेड पर का लाभ दिया था. इसके खिलाफ राज्य सरकार की सुप्रीम कोर्ट में SLP भी खारिज हो गई. इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को लाभ नहीं दिए गए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अधिकारी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद हाईकोर्ट कर्मचारियों को ग्रेड-पे का लाभ नहीं देने के मामले में प्रमुख वित्त सचिव निरंजन आर्य को अवमानना नोटिस जारी किया है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश नरेंद्र कुमार माथुर की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर प्रमुख वित्त सचिव निरंजन आर्य को मामले में अवमानना कर्ता अधिकारी के तौर पर शामिल करने की गुहार की गई. इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने निरंजन आर्य को अवमानना नोटिस जारी किए.

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अवमानना याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने 3 नवंबर, 2018 को आदेश जारी कर वरिष्ठ न्यायिक सहायक को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने के आदेश देते हुए ग्रेड पर का लाभ दिया था. इसके खिलाफ राज्य सरकार की सुप्रीम कोर्ट में SLP भी खारिज हो गई. इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को लाभ नहीं दिए गए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अधिकारी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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