जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जमवाय माता मंदिर के पुजारी को पूजा-पाठ से रोकने के मामले में पूर्व राजपरिवार की सदस्य और सांसद दीया कुमारी के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करने पर अंतरिम रोक लगा दी है.
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न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की एकलपीठ ने यह आदेश दीया कुमारी और अन्य की याचिका पर दिए. हाईकोर्ट के समक्ष नरेन्द्र सिंह और दीया कुमारी सहित कुल पांच लोगों ने याचिका पेश की थी, लेकिन अदालत से सिर्फ दीया कुमारी को ही राहत मिल पाई है.
याचिका में अधिवक्ता सुदेश बंसल ने अदालत को बताया कि भगवती प्रसाद ने निचली अदालत के समक्ष पेश अवमानना अर्जी में दावा किया है कि कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2017 को ओसरे के अनुसार पूजा करने के आदेश देते हुए उसके पक्ष में स्थगत आदेश पारित किया था. जबकि मूल दावे और अस्थाई निषेधाज्ञा प्रार्थना पत्र में याचिकाकर्ता पक्षकार ही नहीं थे.
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इसके बावजूद निचली अदालत ने गत 18 जनवरी को अवमानना अर्जी पर मशीनी अंदाज में सुनवाई करते हुए अन्य लोगों के साथ याचिकाकर्ताओं को भी नोटिस जारी कर दिए. वहीं, अवमानना नोटिस तामील होने के बाद याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर अवमानना अर्जी में स्वयं को गलत रूप से शामिल करने की बात कही, लेकिन निचली अदालत ने उस प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया. ऐसे में याचिकाकर्ता के खिलाफ अवमानना कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.
गौरतलब है कि भगवती प्रसाद की ओर से अवमानना याचिका में कहा गया है कि कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2017 को ओसरे के अनुसार मंदिर में पूजा करने के आदेश देते हुए स्थगन आदेश दिया था. गत 27 अक्टूबर को कुछ लोगों ने आकर उससे मारपीट की और मंदिर से बाहर कर दिया.
मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे थे. इस दौरान प्रार्थी को धमकी दी गई की पूर्व राजपरिवार की इच्छा के बिना वह मंदिर में प्रवेश ना करे. इस पर अदालत ने दीया कुमारी सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था.