ETV Bharat / city

अदालती आदेश के बाद भी रिहाई नहीं, हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का हर्जाना - Rajasthan High Court

अदालती आदेश के बावजूद भी कैदी को स्थाई पैरोल पर रिहा नहीं करने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. अदालत ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए एक लाख रुपए की हर्जाना राशि याचिकाकर्ता को देने के आदेश दिए हैं.

Contempt of court order, Rajasthan High Court
अदालती आदेश की अवमानना
author img

By

Published : Jul 9, 2020, 9:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी कैदी को स्थाई पैरोल पर रिहा नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने एक लाख रुपए की हर्जाना राशि याचिकाकर्ता को देने के आदेश दिए हैं.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हर्जाना राशि उन दोषी अधिकारियों से वसूल की जाए, जिनके कारण याचिकाकर्ता बिना वजह डेढ़ माह जेल में बंद रहा. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार प्रजापति की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिए.

पढ़ें- राजस्थान बोर्ड ऑफिस में पकड़े गए 2 पाकिस्तानी युवक, पुलिस ने पूछताछ कर भेजा जोधपुर

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता दुष्कर्म के मामले में दौसा जेल में बंद है. 7 साल की सजा पूरी होने के चलते हाईकोर्ट ने गत 21 मई को याचिकाकर्ता को स्थाई पैरोल पर रिहा करने को कहा था. अदालती आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को रिहा नहीं किया गया.

वहीं, अदालत के दखल के बाद याचिकाकर्ता को गत 8 जुलाई को जेल से छोड़ा गया. याचिका में कहा गया कि अधिकारियों ने जानबूझकर अदालती आदेश की अवमानना की है. जिसके चलते याचिकाकर्ता को बिना कारण 21 मई से 7 जुलाई तक जेल में रहना पड़ा. जिस पर सुनवाई करते हुए दोषी अधिकारियों पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाते हुए हर्जाना राशि याचिकाकर्ता को देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी कैदी को स्थाई पैरोल पर रिहा नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने एक लाख रुपए की हर्जाना राशि याचिकाकर्ता को देने के आदेश दिए हैं.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हर्जाना राशि उन दोषी अधिकारियों से वसूल की जाए, जिनके कारण याचिकाकर्ता बिना वजह डेढ़ माह जेल में बंद रहा. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार प्रजापति की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिए.

पढ़ें- राजस्थान बोर्ड ऑफिस में पकड़े गए 2 पाकिस्तानी युवक, पुलिस ने पूछताछ कर भेजा जोधपुर

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता दुष्कर्म के मामले में दौसा जेल में बंद है. 7 साल की सजा पूरी होने के चलते हाईकोर्ट ने गत 21 मई को याचिकाकर्ता को स्थाई पैरोल पर रिहा करने को कहा था. अदालती आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को रिहा नहीं किया गया.

वहीं, अदालत के दखल के बाद याचिकाकर्ता को गत 8 जुलाई को जेल से छोड़ा गया. याचिका में कहा गया कि अधिकारियों ने जानबूझकर अदालती आदेश की अवमानना की है. जिसके चलते याचिकाकर्ता को बिना कारण 21 मई से 7 जुलाई तक जेल में रहना पड़ा. जिस पर सुनवाई करते हुए दोषी अधिकारियों पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाते हुए हर्जाना राशि याचिकाकर्ता को देने को कहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.