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राजस्थान हाईकोर्ट ने NEET काउंसलिंग के मॉपअप राउंड पर लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए होने वाली नीट काउन्स्लिंग के मॉपअप रांउड पर रोक लगा दी है. याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि पहले राउंड में ब्लॉक की गई सीटों की जानकारी ही नहीं मिलने से कई अभ्यर्थियों की एक से अधिक सीटें ब्लॉक हो गई. इसका परिणाम यह हुआ कि मॉपअप राउंड में एसएमएस मेडिकल कॉलेज की 20 सीटों सहित कुल 700 से अधिक सीटें खाली आ गई.

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Published : Aug 16, 2019, 9:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए होने वाली नीट काउन्स्लिंग के मॉपअप रांउड पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रद्युम्न माडिया औक अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दी.

नीट काउंसलिंग के मॉपअप राउंड पर रोक

जानकारी के अनुसार याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि नीट काउन्सलिंग का प्रथम राउंड ऑन लाइन होता है. इसके बाद विभाग द्वितीय राउंड ऑफ लाइन लेता है. उन्होंने बताया कि द्वितीय राउंड में सीट ब्लॉक करने वाले अभ्यर्थी की पहले राउंड में ब्लॉक की गई सीट विभाग रिक्त दिखाता है, जिससे वह दूसरे अभ्यर्थी को आवंटित हो जाती है. तनवीर अहमद ने बताया कि जबकि इस बार काउन्सलिंग का द्वितीय राउंड भी ऑन लाइन ही किया गया. जिसके चलते विभाग को अभ्यर्थी की पहले राउंड में ब्लॉक की गई सीटों की जानकारी ही नहीं मिली.

पढ़ें- NEET काउंसलिंग के विरोध में धरने पर बैठे छात्र और अभिभावक, धांधली का लगाया आरोप

अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि पहले राउंड में ब्लॉक की गई सीटों की जानकारी ही नहीं मिलने से कई अभ्यर्थियों की एक से अधिक सीटें ब्लॉक हो गई. इसका परिणाम यह हुआ कि मॉपअप राउंड में एसएमएस मेडिकल कॉलेज की 20 सीटों सहित कुल 700 से अधिक सीटें खाली आ गई. उन्होंने बताया कि इससे मेरिट में निम्न स्थान रखने वालों को भी उच्च मेरिट वालों से अधिक लाभ मिल गया.

बता दें कि याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में प्रमुख स्वास्थ्य शिक्षा सचिव पेश हुए. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि काउन्सलिंग में पारदर्शिता रखी गई है. इसके बावजूद कुछ अपात्र विद्यार्थी भी काउन्सलिंग में शामिल हो गए हैं. इसलिए एमसीआई को समय बढ़ाने के लिए पत्र लिखा जाएगा, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मॉपअप राउंड पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए होने वाली नीट काउन्स्लिंग के मॉपअप रांउड पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रद्युम्न माडिया औक अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दी.

नीट काउंसलिंग के मॉपअप राउंड पर रोक

जानकारी के अनुसार याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि नीट काउन्सलिंग का प्रथम राउंड ऑन लाइन होता है. इसके बाद विभाग द्वितीय राउंड ऑफ लाइन लेता है. उन्होंने बताया कि द्वितीय राउंड में सीट ब्लॉक करने वाले अभ्यर्थी की पहले राउंड में ब्लॉक की गई सीट विभाग रिक्त दिखाता है, जिससे वह दूसरे अभ्यर्थी को आवंटित हो जाती है. तनवीर अहमद ने बताया कि जबकि इस बार काउन्सलिंग का द्वितीय राउंड भी ऑन लाइन ही किया गया. जिसके चलते विभाग को अभ्यर्थी की पहले राउंड में ब्लॉक की गई सीटों की जानकारी ही नहीं मिली.

पढ़ें- NEET काउंसलिंग के विरोध में धरने पर बैठे छात्र और अभिभावक, धांधली का लगाया आरोप

अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि पहले राउंड में ब्लॉक की गई सीटों की जानकारी ही नहीं मिलने से कई अभ्यर्थियों की एक से अधिक सीटें ब्लॉक हो गई. इसका परिणाम यह हुआ कि मॉपअप राउंड में एसएमएस मेडिकल कॉलेज की 20 सीटों सहित कुल 700 से अधिक सीटें खाली आ गई. उन्होंने बताया कि इससे मेरिट में निम्न स्थान रखने वालों को भी उच्च मेरिट वालों से अधिक लाभ मिल गया.

बता दें कि याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में प्रमुख स्वास्थ्य शिक्षा सचिव पेश हुए. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि काउन्सलिंग में पारदर्शिता रखी गई है. इसके बावजूद कुछ अपात्र विद्यार्थी भी काउन्सलिंग में शामिल हो गए हैं. इसलिए एमसीआई को समय बढ़ाने के लिए पत्र लिखा जाएगा, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मॉपअप राउंड पर रोक लगा दी है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए होने वाली नीट काउन्स्लिंग के मॉपअप रांउड पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रद्युम्न माडिया व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि नीट काउन्सलिंग का प्रथम राउंड ऑन लाइन होता है। इसके बाद विभाग द्वितीय राउंड ऑफ लाइन लेता है। द्वितीय राउंड में सीट ब्लॉक करने वाले अभ्यर्थी की पहले राउंड में ब्लॉक की गई सीट विभाग रिक्त दिखाता है। जिससे वह दूसरे अभ्यर्थी को आवंटित हो जाती है। जबकि इस बार काउन्सलिंग का द्वितीय राउंड भी ऑन लाइन ही किया गया। जिसके चलते विभाग को अभ्यर्थी की पहले राउंड में ब्लॉक की गई सीटों की जानकारी ही नहीं मिली। ऐसे में कई अभ्यर्थियों की एक से अधिक सीटें ब्लॉक हो गई। इसका परिणाम यह हुआ कि मॉपअप राउंड में एसएमएस मेडिकल कॉलेज की बीस सीटों सहित कुल 7 सौ से अधिक सीटें खाली आ गई। वहीं मेरिट में निम्न स्थान रखने वालों को भी उच्च मेरिट वालों से अधिक लाभ मिल गया। याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में प्रमुख स्वास्थ्य शिक्षा सचिव पेश हुए। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि काउन्सलिंग में पारदर्शिता रखी गई है। इसके बावजूद कुछ अपात्र काउन्सलिंग में शामिल हो गए हैं। इसलिए एमसीआई को समय बढ़ाने के लिए पत्र लिखा जाएगा। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मॉपअप राउंड पर रोक लगा दी है।Conclusion:
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