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जब पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधा पर राजस्थान हाईकोर्ट ने लगाई रोक तो बोले घनश्याम तिवाड़ी...कहा- सरकार को इसे तुरंत लागू करना चाहिए

पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मिलने वाली सुविधाओं के बिल पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई दी है. पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली इस सुविधा के लिखाफ आवाज उठाने वाले पूर्व विधायक घनश्याम तिवाड़ी का कहना है कि सरकार को इस आदेश की तुरंत पालना करनी चाहिए. वहीं, फैसले के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नंबर-13 के सरकारी बंगले में नहीं रह सकती हैं.

former Chief Ministers, राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला
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Published : Sep 4, 2019, 3:53 PM IST

Updated : Sep 4, 2019, 5:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने विधानसभा में पास हो चुके राजस्थान मंत्री वेतन संसोधन विधेयक 2017 को अवैध घोषित कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के बाद अब राजस्थान हाईकोर्ट ने भी पूर्व मुख्यमंत्रीयों को आजीवन मिलने वाली सुविधा (जिनमें सरकारी बंगला भी शामिल है) पर लोक लगा दी है.

घनश्याम तिवाड़ी, नेता, कांग्रेस

इस फैसले के बाद राजस्थान में भी दो पूर्व मुख्यमंत्री प्रभावित होंगे. इससे कांग्रेस के जगन्नाथ पहाड़िया और भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रभावित होंगी. वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहते हुए ही यह बिल विधानसभा में पास हुआ था. पूर्व विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने इस बिल का सदन और सड़क दोनों पर विरोध किया था. इसके विरोध के चलते उन्होंने गिरफ्तारी तक दी थी.

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फैसला आने के बाद तिवाड़ी ने खुशी जताते हुए कहा कि उस समय भी उन्होंने कहा था कि यह बिल अगर प्रदेश में लागू होगा तो जागीरदार प्रथा की फिर से स्थापना होगी. लेकिन उस समय सरकार नहीं मानी. उन्होंने कहा कि मेरे विरोध के अनुसार ही हाई कोर्ट पर याचिका लगी और जो निर्णय हुआ है, वो स्वागत योग्य है. इस बिल को असंवैधानिक माना गया है.

घनश्याम तिवाड़ी ने खुशी जताते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नंबर-13 का बंगला 2000 करोड़ की राज्य की संपत्ति है. इसे षड्यंत्रपूर्वक कब्जा करने के लिए इसका नाम अनंत विजय रखा गया. हाईकोर्ट ने राजे की इस संपत्ति को बचाने के लिए यह बिल असंवैधानिक घोषित किया है. इसके लिए कोर्ट को धन्यवाद दिया जाना चाहिए.

पढ़ें: सीएम गहलोत ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर ली अपराध समीक्षा बैठक

इतना ही नहीं, घनशाम तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान सरकार हाईकोर्ट के आदेश पर तुरंत पालना करवाए और यह भी सार्वजनिक करे कि किस बंगले पर जनता का कितना पैसा लगा है. तिवाड़ी ने कहा कि अब वसुंधरा राजे एक विधायक के नाते इस सरकारी निवास में नहीं रह सकती हैं और अगर अब भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार वसुंधरा राजे को आवंटित कर देती है तो ये गलत होगा.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने विधानसभा में पास हो चुके राजस्थान मंत्री वेतन संसोधन विधेयक 2017 को अवैध घोषित कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के बाद अब राजस्थान हाईकोर्ट ने भी पूर्व मुख्यमंत्रीयों को आजीवन मिलने वाली सुविधा (जिनमें सरकारी बंगला भी शामिल है) पर लोक लगा दी है.

घनश्याम तिवाड़ी, नेता, कांग्रेस

इस फैसले के बाद राजस्थान में भी दो पूर्व मुख्यमंत्री प्रभावित होंगे. इससे कांग्रेस के जगन्नाथ पहाड़िया और भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रभावित होंगी. वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहते हुए ही यह बिल विधानसभा में पास हुआ था. पूर्व विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने इस बिल का सदन और सड़क दोनों पर विरोध किया था. इसके विरोध के चलते उन्होंने गिरफ्तारी तक दी थी.

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फैसला आने के बाद तिवाड़ी ने खुशी जताते हुए कहा कि उस समय भी उन्होंने कहा था कि यह बिल अगर प्रदेश में लागू होगा तो जागीरदार प्रथा की फिर से स्थापना होगी. लेकिन उस समय सरकार नहीं मानी. उन्होंने कहा कि मेरे विरोध के अनुसार ही हाई कोर्ट पर याचिका लगी और जो निर्णय हुआ है, वो स्वागत योग्य है. इस बिल को असंवैधानिक माना गया है.

घनश्याम तिवाड़ी ने खुशी जताते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नंबर-13 का बंगला 2000 करोड़ की राज्य की संपत्ति है. इसे षड्यंत्रपूर्वक कब्जा करने के लिए इसका नाम अनंत विजय रखा गया. हाईकोर्ट ने राजे की इस संपत्ति को बचाने के लिए यह बिल असंवैधानिक घोषित किया है. इसके लिए कोर्ट को धन्यवाद दिया जाना चाहिए.

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इतना ही नहीं, घनशाम तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान सरकार हाईकोर्ट के आदेश पर तुरंत पालना करवाए और यह भी सार्वजनिक करे कि किस बंगले पर जनता का कितना पैसा लगा है. तिवाड़ी ने कहा कि अब वसुंधरा राजे एक विधायक के नाते इस सरकारी निवास में नहीं रह सकती हैं और अगर अब भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार वसुंधरा राजे को आवंटित कर देती है तो ये गलत होगा.

Intro:पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मिलने वाली सुविधाएं के बिल पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक आवाज उठाने वाले पूर्व विधायक घनश्याम तिवारी बोले सरकार करवाए हाई कोर्ट के आदेश होगी तुरंत पालना अब नियम उसे नहीं रह सकती पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तेरा नंबर सरकारी में अगर सरकार ने से अब भी किया पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लौट तो यह वर्तमान कॉन्ग्रेस सरकार की होगी विधि संवत बेईमानी


Body:राजस्थान हाई कोर्ट ने आज राजस्थान विधानसभा में पास हो चुके राजस्थान मंत्री वेतन संसोधन विधेयक 2017 को अवैध घोषित कर दिया है सुप्रीम कोर्ट के बाद अब राजस्थान में भी पूर्व मुख्यमंत्री ओ आजन्म मिलने वाली सुविधाएं जिनमें सरकारी बंगला भी शामिल है उस पर लोक लगा दी है इस फैसले के बाद राजस्थान में भी दो पूर्व मुख्यमंत्री प्रभावित होंगे जिनमें कॉन्ग्रेस के जगन्नाथ पहाड़िया तो दूसरी भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जिनकी मुख्यमंत्री रहते हुए ही यह बिल विधानसभा में पास हुआ था उस समय पूर्व वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवारी ने इस बिल का सदन और सड़क दोनों विरोध किया था इसके विरोध के चलते उन्होंने गिरफ्तारी तक दी थी आज फैसले के आने के बाद तिवारी ने खुशी जताते हुए कहा कि उस समय भी उन्होंने कहा था कि यह बिल अगर प्रदेश में लागू होगा तो जागीरदार प्रथा की पुनर स्थापना होगी लेकिन उस समय सरकार नहीं मानी उन्होंने कहा कि मेरे विरोध के अनुसार ही हाई कोर्ट पर याचिका लगी और जो निर्णय हुआ है वो स्वागत योग्य है इस बिल को असंवैधानिक माना गया है जो उन्होंने पहले ही कहा था उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का 13 नंबर का बंगला 2000 करोड़ की राज्य की सम्पदा है जिसे षड्यंत्र पूर्वक कब्जा करने के लिए इसका नाम अनंत विजय रखा गया हाई कोर्ट ने राजे की इस संपदा को बचाने के लिए यह बिल संवेधानिक घोषित किया है जिसके लिए कोर्ट को धन्यवाद दिया जाना चाहिए इतना ही नहीं घनशाम तिवारी ने कहा कि राजस्थान सरकार हाई कोर्ट की आदेश क्योंकि तुरंत पालना करवाए और यह भी सार्वजनिक अरे किस बंगले पर जनता का कितना पैसा लगा है तिवारी ने कहां की अब वसुंधरा राजे एक विधायक के नाते इस सरकारी निवास में नहीं रह सकती है और अगर अब भी प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार इसे वसुंधरा राजे कोई अलॉट कर देती है तो यह वक्त कान कांग्रेस सरकार की विधि संवत बेईमानी होगी
बाइट घनशाम तिवारी पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता


Conclusion:
Last Updated : Sep 4, 2019, 5:35 PM IST
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