जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेन्ट्रल पार्क में सात मार्च की रात महामूर्ख सम्मेलन आयोजित करने के मामले में जेडीए से मौखिक रूप से पूछा है कि पार्क में कार्यक्रम आयोजित करने की क्या नीति है. इसके साथ ही अदालत ने जेडीए को पांच मार्च को अपना जवाब पेश करने को कहा है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश योगेश यादव की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए है.
प्रार्थना पत्र में कहा गया कि तरुण समाज की ओर से होली के मौके पर 7 मार्च की रात सेन्ट्रल पार्क में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. जेडीए के वरिष्ठ उद्यानविद् की ओर से यहां कार्यक्रम नहीं करने के संबंध में अपनी रिपोर्ट जेडीए को दी थी, लेकिन इसके बावजूद जेडीए ने यहां कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दे दी.
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प्रार्थना पत्र में कहा गया कि इस तरह के समारोह से पार्क की इकोलॉजी खराब होगी. वहीं वहां रहने वाले पक्षियों पर भी विपरीत प्रभाव पडे़गा. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि रात दस बाद ध्वनि प्रसारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध है, जबकि कवि सम्मेलन में रातभर तेज आवाज में कार्यक्रम होगा. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने जेडीए से पार्क में कार्यक्रम आयोजित करने की नीति के संबंध में जानकारी मांगी है.