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प्रदेश में फायर सेफ्टी सिस्टम के लिए दिए गए निर्देशों की पालना रिपोर्ट पेश करने के आदेश

प्रदेश में फायर सेफ्टी सिस्‍टम की पालना की रिपोर्ट राजस्‍थान हाईकोर्ट ने चार सप्‍ताह में मांगी (Court ask report of fire safety system) है. सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि जयपुर में हाइड्रोलिक लेडर नगर निगम को दिया गया है. इस पर याचिकाकर्ता ने अन्‍य शहरों में व्‍यवस्‍था पर सवाल किया था.

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प्रदेश में फायर सेफ्टी सिस्टम के लिए दिए गए निर्देशों की पालना रिपोर्ट पेश करने के आदेश
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Published : Sep 20, 2022, 11:13 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में प्रदेश के मॉल कोचिंग सेंटर्स, मल्टीप्लेक्स और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी सिस्टम के संबंध में दिए निर्देशों की पालना रिपोर्ट मांगी (Court ask report of fire safety system) है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश कुणाल रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कहा कि जयपुर में बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए 70 मीटर ऊंचा हाइड्रोलिक लेडर मंगवा लिया है और उसे नगर निगम को सुपुर्द किया जा चुका है. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि आग केवल राजधानी में ही नहीं, बल्कि किसी भी शहर की इमारत में लग सकती है. राज्य सरकार ने अन्य शहरों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है और ना ही फायरमैन के लिए कोई प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर राज्य सरकार को मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों की पालना रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

पढ़ें: राजस्थान के 5 शहरों की इमारतों की सुरक्षा करेगी विदेशी एएचएलपी

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पूर्व में राज्य सरकार को प्रदेशभर के मॉल, मल्टीप्लेक्स, कोचिंग सेंटर्स व मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी सिस्टम के हालातों की जानकारी व इसका सर्वे करने का निर्देश दिया था. वहीं राज्य सरकार को इस संबंध में दिशा-निर्देश भी दिए थे, लेकिन राज्य सरकार ने अदालती निर्देशों का पालन नहीं किया. जनहित याचिका में वर्ष 2018 में विद्याधर नगर के एक मकान में आग लगने से 5 लोगों की मौत का हवाला देते हुए कहा गया कि विभाग के कार्मिकों के पास पर्याप्त उपकरण, ड्रेस व जूते तक नहीं थे. जिससे वे समय पर आग पर काबू नहीं पाए. ऐसे में नगर निगम के पास बहुमंजिला इमारतों में लगी आग को बुझाने के लिए संसाधन और प्रशिक्षित कार्मिक उपलब्ध नहीं हैं. इसलिए प्रदेशभर में अग्निशमन व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में प्रदेश के मॉल कोचिंग सेंटर्स, मल्टीप्लेक्स और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी सिस्टम के संबंध में दिए निर्देशों की पालना रिपोर्ट मांगी (Court ask report of fire safety system) है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश कुणाल रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कहा कि जयपुर में बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए 70 मीटर ऊंचा हाइड्रोलिक लेडर मंगवा लिया है और उसे नगर निगम को सुपुर्द किया जा चुका है. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि आग केवल राजधानी में ही नहीं, बल्कि किसी भी शहर की इमारत में लग सकती है. राज्य सरकार ने अन्य शहरों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है और ना ही फायरमैन के लिए कोई प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर राज्य सरकार को मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों की पालना रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

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गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पूर्व में राज्य सरकार को प्रदेशभर के मॉल, मल्टीप्लेक्स, कोचिंग सेंटर्स व मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी सिस्टम के हालातों की जानकारी व इसका सर्वे करने का निर्देश दिया था. वहीं राज्य सरकार को इस संबंध में दिशा-निर्देश भी दिए थे, लेकिन राज्य सरकार ने अदालती निर्देशों का पालन नहीं किया. जनहित याचिका में वर्ष 2018 में विद्याधर नगर के एक मकान में आग लगने से 5 लोगों की मौत का हवाला देते हुए कहा गया कि विभाग के कार्मिकों के पास पर्याप्त उपकरण, ड्रेस व जूते तक नहीं थे. जिससे वे समय पर आग पर काबू नहीं पाए. ऐसे में नगर निगम के पास बहुमंजिला इमारतों में लगी आग को बुझाने के लिए संसाधन और प्रशिक्षित कार्मिक उपलब्ध नहीं हैं. इसलिए प्रदेशभर में अग्निशमन व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए.

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