ETV Bharat / city

शादी के समय एग्रीमेंट को लेकर दायर जनहित याचिका में कोर्ट का दखल से इनकार - Rajasthan HC order on agreement at time of marriage

राजस्थान हाईकोर्ट ने शादी के समय एग्रीमेंट बनाने को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका कर्ता ने शादी से पहले दोनों पक्षों में एंग्रीमेंट बनाने की बात कही थी.

Rajasthan HC, Jaipur News
राजस्थान हाईकोर्ट
author img

By

Published : Aug 16, 2021, 9:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवादों की रोकथाम के लिए विदेशों की तर्ज पर शादी के समय एग्रीमेंट बनाने को लेकर दायर जनहित याचिका में दखल से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने रविकांत अग्रवाल की जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.

जनहित याचिका में कहा गया कि महिलाओं के संरक्षण के लिए बने दहेज प्रताड़ना कानून, घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम और वैवाहिक मुकदमों में कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है. इन कानूनों से संबंधित वैवाहिक विवाद के लाखों मुकदमे हर साल देश की अदालतों में दायर होते हैं लेकिन यदि शादी के पहले ही दोनों पक्षों के बीच एग्रीमेंट करने का प्रावधान लागू हो जाए तो ऐसे मुकदमों पर लगाम लग सकती है.

यह भी पढ़ें. लिव इन में रहने वाला एक पक्ष विवाहित तो इसे माना जाएगा अवैध संबंध: राजस्थान हाईकोर्ट

याचिका में यूएस, नीदरलैंड और बेल्जियम सहित अन्य देशों का हवाला देते हुए यहां भी इस एग्रीमेंट को लागू करने की गुहार की है. याचिका में कहा गया कि यह ऐसा एग्रीमेंट होता है, जिसमें शादी के समय होने वाले पति-पत्नी संपत्तियों, उपहारों और स्त्री धन की जानकारी देते हैं. इसके अलावा इस एग्रीमेंट में तलाक की स्थिति पैदा होने या एक पक्ष की मौत होने पर उत्पन्न होने वाले अधिकारों और दायित्वों का भी हवाला होता है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवादों की रोकथाम के लिए विदेशों की तर्ज पर शादी के समय एग्रीमेंट बनाने को लेकर दायर जनहित याचिका में दखल से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने रविकांत अग्रवाल की जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.

जनहित याचिका में कहा गया कि महिलाओं के संरक्षण के लिए बने दहेज प्रताड़ना कानून, घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम और वैवाहिक मुकदमों में कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है. इन कानूनों से संबंधित वैवाहिक विवाद के लाखों मुकदमे हर साल देश की अदालतों में दायर होते हैं लेकिन यदि शादी के पहले ही दोनों पक्षों के बीच एग्रीमेंट करने का प्रावधान लागू हो जाए तो ऐसे मुकदमों पर लगाम लग सकती है.

यह भी पढ़ें. लिव इन में रहने वाला एक पक्ष विवाहित तो इसे माना जाएगा अवैध संबंध: राजस्थान हाईकोर्ट

याचिका में यूएस, नीदरलैंड और बेल्जियम सहित अन्य देशों का हवाला देते हुए यहां भी इस एग्रीमेंट को लागू करने की गुहार की है. याचिका में कहा गया कि यह ऐसा एग्रीमेंट होता है, जिसमें शादी के समय होने वाले पति-पत्नी संपत्तियों, उपहारों और स्त्री धन की जानकारी देते हैं. इसके अलावा इस एग्रीमेंट में तलाक की स्थिति पैदा होने या एक पक्ष की मौत होने पर उत्पन्न होने वाले अधिकारों और दायित्वों का भी हवाला होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.