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Pt. Deendayal Upadhyay के विचारों से राष्ट्र और व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव : कलराज मिश्र

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की ओर से राज्यपाल कलराज मिश्र को परमेष्ठि सम्मान दिया गया है. इस मौके पर मिश्र ने कहा कि उपाध्याय (Rajasthan governor speech about Pt. Deendayal Upadhyay in Varansai) के विचारों से राष्ट्र और व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव है, इसलिए सभी को उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए.

rajasthan governor, kalraj mishra
राज्यपाल कलराज मिश्र
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Published : Nov 29, 2021, 3:44 PM IST

Updated : Nov 29, 2021, 6:59 PM IST

वाराणसी/जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि महान विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय भारतीयता के पोषक ही नहीं बल्कि भारतीयता के मूर्त रूप थे. उन्होंने कहा कि उपाध्याय (Rajasthan governor speech about Pt. Deendayal Upadhyay in Varansai) के विचारों से राष्ट्र और व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव है, इसलिए सभी को उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए.

मिश्र को वाराणसी दौरे के दूसरे दिन सोमवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की ओर से ‘परमेष्ठि’ सम्मान प्रदान किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि उपाध्याय सही मायने में राष्ट्रनायक थे. उन्होंने ‘एकात्म मानववाद’ के जरिए सनातन भारतीय चिन्तन परम्परा को नये आयाम दिए.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र

पढ़ें: Ajmer : CM गहलोत ने RPSC परिसर में नए ब्लॉक का शिलान्यास और आयोग के ग्रीवेंस पोर्टल को किया लॉन्च

राज्यपाल ने कहा कि उपाध्याय के अनुसार शिक्षा का संबंध जितना व्यक्ति से है, उससे अधिक समाज से है. इसलिए शिक्षा को सामाजिक दृष्टिकोण से ही देखे जाने की जरूरत है. वह कहते थे कि शिक्षा ऋषि ऋण है. इसे चुकाना प्रत्येक का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि राजस्थान से उनका गहरा नाता रहा है. जयपुर के धानक्या गांव में उनका जन्म हुआ और वहां जाकर अलग ही शांति की अनुभूति होती है.

पढ़ें: Mission 2023 : कार्यसमिति बैठक के जरिए भाजपा तैयार करेगी रोडमैप, अमित शाह देंगे जीत का मंत्र

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि संविधान मानवीय अधिकारों और कर्तव्यों के संतुलन का गौरव ग्रंथ है. राष्ट्र के गौरव से जुड़ी संविधान संस्कृति को सभी को आत्मसात करना चाहिए. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी संविधान की संस्कृति से जुड़े, इस दिशा में वह राजस्थान में निरंतर कार्य कर रहे हैं और आज प्रदेश के लगभग सभी विश्वविद्यालयो में संविधान पार्क स्थापित हो रहे हैं. इसी क्रम में राजस्थान की विधानसभा में अभिभाषण के दौरान संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों के वाचन की परम्परा शुरू की है.

rajasthan governor, kalraj mishra
राज्यपाल कलराज मिश्र को परमेष्ठि सम्मान

पढ़ें: Corona in Rajasthan: वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगवाई तो हो जाएं सावधान...लग सकती है कई तरह की पाबंदियां

समारोह में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो वीके शुक्ला, पं. दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ के प्रो कौशल किशोर मिश्रा, राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल सहित शिक्षक और गणमान्यजन उपस्थित रहे.

वाराणसी/जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि महान विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय भारतीयता के पोषक ही नहीं बल्कि भारतीयता के मूर्त रूप थे. उन्होंने कहा कि उपाध्याय (Rajasthan governor speech about Pt. Deendayal Upadhyay in Varansai) के विचारों से राष्ट्र और व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव है, इसलिए सभी को उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए.

मिश्र को वाराणसी दौरे के दूसरे दिन सोमवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की ओर से ‘परमेष्ठि’ सम्मान प्रदान किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि उपाध्याय सही मायने में राष्ट्रनायक थे. उन्होंने ‘एकात्म मानववाद’ के जरिए सनातन भारतीय चिन्तन परम्परा को नये आयाम दिए.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र

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राज्यपाल ने कहा कि उपाध्याय के अनुसार शिक्षा का संबंध जितना व्यक्ति से है, उससे अधिक समाज से है. इसलिए शिक्षा को सामाजिक दृष्टिकोण से ही देखे जाने की जरूरत है. वह कहते थे कि शिक्षा ऋषि ऋण है. इसे चुकाना प्रत्येक का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि राजस्थान से उनका गहरा नाता रहा है. जयपुर के धानक्या गांव में उनका जन्म हुआ और वहां जाकर अलग ही शांति की अनुभूति होती है.

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राज्यपाल मिश्र ने कहा कि संविधान मानवीय अधिकारों और कर्तव्यों के संतुलन का गौरव ग्रंथ है. राष्ट्र के गौरव से जुड़ी संविधान संस्कृति को सभी को आत्मसात करना चाहिए. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी संविधान की संस्कृति से जुड़े, इस दिशा में वह राजस्थान में निरंतर कार्य कर रहे हैं और आज प्रदेश के लगभग सभी विश्वविद्यालयो में संविधान पार्क स्थापित हो रहे हैं. इसी क्रम में राजस्थान की विधानसभा में अभिभाषण के दौरान संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों के वाचन की परम्परा शुरू की है.

rajasthan governor, kalraj mishra
राज्यपाल कलराज मिश्र को परमेष्ठि सम्मान

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समारोह में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो वीके शुक्ला, पं. दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ के प्रो कौशल किशोर मिश्रा, राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल सहित शिक्षक और गणमान्यजन उपस्थित रहे.

Last Updated : Nov 29, 2021, 6:59 PM IST
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