जयपुर. प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का ग्राफ दिनों दिन गिरता जा रहा है. ऐसे में चिकित्सा विभाग ने चिंता जाहिर की है और टीकाकरण के नियमों में काफी बदलाव किया है, बावजूद टीका लगाने में कर्मी कतरा रहे हैं. शुरुआती तीन चरणेम में टीके के औसत ग्राफ में गिरावट से चिकित्सा विभाग और सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें भी नजर आने लगी हैं.
दरअसल, 16 जनवरी को जब प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया तो उम्मीद जताई जा रही थी कि हेल्थ वर्कर आगे आकर टीका लगाएंगे और समाज में एक संदेश देंगे की हर उस व्यक्ति को टीका लगवाना चाहिए जो चिकित्सकीय कार्य से जुड़ा हुआ है, लेकिन शुरुआती तीन चरण में टीके के औसत ग्राफ में गिरावट देखने को मिली, तो चिकित्सा विभाग और सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें भी नजर आने लगी.
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जयपुर के सीएमएचओ डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने बताया कि घटते टीकाकरण के कारण इससे जुड़े कार्यक्रम में काफी बदलाव भी किए गए, ताकि अधिक से अधिक हेल्थ वर्कर्स आगे आएं और टीका लगवाएं. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि शुरुआती समय में कोविड एप के माध्यम से लाभार्थियों तक मैसेज नहीं पहुंच रहे थे, ऐसे में फोन करके लाभार्थियों को टीकाकरण में शामिल होने की अपील की गई, जिसे लेकर डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम पर बहानेबाजी भारी पड़ती नजर आ रही है.
उन्होंने बताया कि जब लाभार्थियों को फोन किया गया तो उसने जवाब दिया कि 'मैं अभी पैटरनिटी लीव पर हूं, टीका नहीं लगवा सकता' जबकि कुछ लाभार्थियों का कहना था कि आज ठंड बहुत है, तो ऐसे में फिर कभी वे टीका लगवाएंगे. इसके अलावा फोन पर कुछ लाभार्थियों ने यह भी कहा कि अभी भी शहर से बाहर हैं, जबकि कुछ ने कहा कि ड्यूटी पर हैं, तो टिका नहीं लगवा सकते.
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औसत सिर्फ 55 फीसदी
प्रदेश में चार चरण का टीकाकरण हो चुका है, लेकिन आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ 55 फीसदी हेल्थ वर्कर्स टीकाकरण केंद्रों पर टीका लगाने पहुंच रहे हैं और टीकाकरण के इस घटते औसत के कारण चिकित्सा विभाग काफी परेशान है. ऐसे में कई सहूलियत भी इस कार्यक्रम को लेकर सरकार की ओर से की गई है. चिकित्सा विभाग में हाल ही में टीकाकरण के सेंटर 167 से बढ़ाकर 500 करने की घोषणा की गई है. इसके अलावा जिन लाभार्थियों के पास मैसेज नहीं पहुंच रहे हैं उनके लिए विशेष व्यवस्था करते हुए चिकित्सा विभाग ने कहा है कि यदि लाभार्थी के पास मैसेज नहीं आता और ऐप में लाभार्थी का नाम रजिस्टर है वे टीकाकरण केंद्र पर पहुंचकर सीधा टीका लगवा सकते हैं.
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ईटीवी भारत की अपील
ऐसे में ईटीवी भारत हेल्थ वर्कर्स से अपील करता है कि बीते 10 महीने में हेल्थ वर्कर्स ने आगे आकर लोगों को इस बीमारी से बचाया है जो सराहनीय रहा है. ऐसे में अगर टीकाकरण कार्यक्रम में भी वे आगे आते हैं, तो आम लोगों में एक अच्छा संदेश जाएगा और जब भी आम लोगों को टीका लगाया जाएगा तो वह निश्चिंत होकर टीकाकरण केंद्र पर पहुंच सकते हैं. वहीं, जिन स्वास्थ्य कर्मियों ने आगे आकर टीका लगवाया है वह भी लगातार अपील करें की टीके से जुड़ा किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है, तो ऐसे में हमने टीका लगवाया है तो अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी आगे आकर टीके लगवाएंगे.