जयपुर. राजस्थान सरकार मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों की अवहेलना करने वालों को तोहफा देने जा रही है. इसके तहत 8 फरवरी को आयोजित होने वाली लोक अदालत में करीब दस हजार मुकदमें वापस लेने पर सहमति बनी है. इनमें से 6 हजार 670 मुकदमें तो जयपुर मेट्रो व जिले की मोबाइल मजिस्ट्रेट कोर्ट में लंबित हैं.
वापस लिए जाने वाले मुकदमों में मोटर वाहन अधिनियम से जुडे मामले जैसे चालान, जब्ती आदि से संबंधित मामले हैं. कानून के जानकारों का कहना है कि सरकार एक तरफ तो सड़क पर कानून तोड़ने वालों को सबक सिखाने के लिए अब तक कई बार जुर्माना राशि बढ़ा चुकी है. वहीं अब इनके मुकदमों को वापस लेकर इन्हें राहत दे रही है.
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इस संबंध में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अशोक कुमार जैन का कहना है कि मोटर वाहन अधिनियम से जुडे 31 दिसंबर 2018 तक के मामलों को राज्य सरकार की ओर से वापस लिया जा रहा है. इनमें कर चोरी के अलावा न्यायालयों में लंबित अन्य सभी मामले शामिल हैं. इस बारे में अधिवक्ता सीसी रत्नू का कहना है कि सरकार के इस कदम से कानून तोड़ने वालों में यह मैसेज जाएगा कि अदालत में जाकर जुर्माना जमा कराने से क्या फायदा, सरकार अगली लोक अदालत में उसका मुकदमा वापस ले लेगी.