जयपुर. एक राज्य से दूसरे राज्य में आने वालों के लिए क्वॉरेंटाइन के नियमों में केंद्र ने भले ही छूट दे रखी हो, लेकिन प्रदेश में ऐसे लोगों को 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन में रहना ही होगा. जो लोग कुछ ही दिन राजस्थान में रुकेंगे, उनके लिए यहां आने से पहले या यहां पहुंचते ही आरटी पीसीआर टेस्ट करवाना जरूरी होगा. जांच रिपोर्ट निगेटिव आने तक उन्हें क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा. रविवार देर रात तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में चली उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया.
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मुख्यमंत्री के अनुसार प्रवासियों की सुविधाओं के लिए राज्य सरकार होम क्वॉरेंटाइन को प्राथमिकता दे रही है, लेकिन इसकी सुविधा नहीं होने पर गांव स्तर तक संस्थागत क्वॉरेंटाइन की पुख्ता व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री ने बाहर से आने वालों से अपील किए हैं कि सरकार के ई-मित्र पोर्टल पर पंजीकरण करवाकर मोबाइल नंबर सहित जरूरी सूचनाएं दर्ज कराएं. बैठक में बताया गया है कि बीते कुछ दिनों में बाहर से 10 लाख से अधिक प्रवासी आए हैं, इनमें से लगभग 1 हजार 600 लोग संक्रमित पाए गए हैं.
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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बैठक में यह भी निर्देश दिए हैं कि बाहर से आ रहे लोगों की नई तकनीक के आधार पर मॉनिटरिंग की जाए. उनके अनुसार रेलवे रोडवेज एयरलाइंस से समन्वयकर आने वालों की सूची लेकर संबंधित जिला प्रशासन को भेजी जाए. इससे यात्रियों की प्रभावी मॉनिटरिंग हो सकेगी. वहीं सड़क मार्ग से आने वालों के लिए पहले की तरह बॉर्डर चेक पोस्ट पर पंजीयन और क्वॉरेंटाइन की सुविधा उपलब्ध रहेगी. बैठक में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा सहित कई प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे.
बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि दिवंगतों के अस्थि विसर्जन के लिए सोमवार से मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा शुरू की जाएगी. एक अस्थि कलश के साथ दो लोग निशुल्क जा सकेंगे. इसके लिए उन्हें रोडवेज के पोर्टल पर पहले पंजीयन कराना होगा.