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500 करोड़ फूंकने के बाद BRTS Corridor हटाएगी राजस्थान सरकार

राजधानी जयपुर में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई मुहिम को एक बड़ा झटका लगा है. राज्य सरकार ने शहर में बने बीआरटीएस कॉरिडोर (BRTS Corridor) को बंद करने का फैसला ले लिया है.

BRTS Corridor, राजस्थान सरकार, बीआरटीएस कॉरिडोर
BRTS Corridor को बंद करने का फैसला
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Published : Jul 21, 2021, 4:16 PM IST

जयपुर: परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Transport Minister Pratap Singh Khachariyawas) ने रोड सेफ्टी काउंसिल (Road Safety Council) की 18 वीं बैठक में बीआरटीएस कॉरिडोर (BRTS Corridor ) को बंद करने का निर्णय लिया है. इससे पहले भी रोड सेफ्टी काउंसिल की बैठक में बीआरटीएस कॉरिडोर को बंद करने का निर्णय लिया गया था.

रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (Rapid Transport System) पर करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए गए. इसके बावजूद जयपुर को फायदा नहीं मिल रहा है, बल्कि लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. देश में दिल्ली ही एकमात्र ऐसा शहर है, जिसने 8 साल तक इस्तेमाल के बाद बीआरटीएस कॉरिडोर को हटा दिया था. इसी तर्ज पर जयपुर में भी बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की तैयारी पूरी कर ली गई है. परिवहन मंत्री ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को पत्र भी लिख दिया है.

BRTS Corridor को बंद करने का फैसला

पढ़ें: Special : जयपुर के ये प्रोजेक्ट साबित हुए Waste Of Money, करोड़ों खर्च करने के बाद भी कोई औचित्य नहीं !

दरअसल सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और निजी वाहनों की तुलना में गंतव्य स्थल पर तेजी से पहुंचने के लिए साल 2006 में बीआरटीएस कॉरिडोर का काम शुरू किया गया था. बीजेपी की पिछली सरकार ने सीकर रोड पर इसका काम शुरू किया था. लेकिन कांग्रेस सरकार ने 2009 में इसका उद्घाटन किया था. इसके बाद दोबारा बीजेपी सरकार आई लेकिन अधूरे कॉरिडोर को अबतक कोई पूरा नहीं कर पाया.

7.1 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर को न तो आगे बढ़ाया जा सका और ना ही इसका विकल्प ढूंढा गया है. महज न्यू सांगानेर रोड के अधूरे काम को पूरा कर जिम्मेदारी पूरी कर ली गई थी. नतीजा यह हुआ कि कॉरिडोर केवल टुकड़ों तक सीमित होकर रह गया. अब वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बीआरटीएस कॉरिडोर पर बड़ा निर्णय लेते हुए इसे बंद करने का फैसला लिया है.

पढ़ें: Special : बीआरटीएस पर 500 करोड़ खर्च हुए लेकिन नहीं मिला फायदा, अब किया जा सकता है बंद!

जयपुर में बीआरटीएस कॉरिडोर पर 500 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी यह योजना फेल साबित हुई है. इस रोड पर हादसों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ा है. सीकर रोड न्यू सांगानेर रोड पर 13 किलोमीटर का कॉरिडोर तैयार किया गया था. लेकिन इसके बीच अंबाबाड़ी से गवर्नमेंट हॉस्टल अजमेर पुलिया सोडाला होते हुए पुरानी चुंगी तक इसे जोड़ा जाए तो 29 किलोमीटर का कॉरिडोर तैयार होता लेकिन इस अधूरे प्रोजेक्ट को अब राज्य सरकार ने बंद करने का निर्णय ले लिया है. परिवहन मंत्री ने कहा है कि बीआरटीएस कॉरिडोर बनने के बाद सड़क हादसों में बढ़ोतरी हुई है और आमजन को काफी नुकसान भी हुआ है.

मेट्रो ने भी बीआरटीएस कॉरिडोर को अपने अंडर करने के लिए फाइल दी हुई है ताकि इस कॉरिडोर से न्यू सांगानेर रोड सहित कई जगह को मेट्रो से जोड़ सकें, लेकिन अबतक फाइल को भी मंजूरी नहीं दी गई है. यानी मेट्रो को भी बीआरटीएस कॉरिडोर नहीं दिया गया है. ऐसे में मेट्रो जयपुर का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का कहना है कि यदि बीआरटीएस कॉरिडोर को बंद करने के लिए उन्हें यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से मिलना पड़े तो वह खुद भी शांति धारीवाल से मिलकर इसको बंद करवाएंगे.

जयपुर: परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Transport Minister Pratap Singh Khachariyawas) ने रोड सेफ्टी काउंसिल (Road Safety Council) की 18 वीं बैठक में बीआरटीएस कॉरिडोर (BRTS Corridor ) को बंद करने का निर्णय लिया है. इससे पहले भी रोड सेफ्टी काउंसिल की बैठक में बीआरटीएस कॉरिडोर को बंद करने का निर्णय लिया गया था.

रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (Rapid Transport System) पर करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए गए. इसके बावजूद जयपुर को फायदा नहीं मिल रहा है, बल्कि लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. देश में दिल्ली ही एकमात्र ऐसा शहर है, जिसने 8 साल तक इस्तेमाल के बाद बीआरटीएस कॉरिडोर को हटा दिया था. इसी तर्ज पर जयपुर में भी बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की तैयारी पूरी कर ली गई है. परिवहन मंत्री ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को पत्र भी लिख दिया है.

BRTS Corridor को बंद करने का फैसला

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दरअसल सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और निजी वाहनों की तुलना में गंतव्य स्थल पर तेजी से पहुंचने के लिए साल 2006 में बीआरटीएस कॉरिडोर का काम शुरू किया गया था. बीजेपी की पिछली सरकार ने सीकर रोड पर इसका काम शुरू किया था. लेकिन कांग्रेस सरकार ने 2009 में इसका उद्घाटन किया था. इसके बाद दोबारा बीजेपी सरकार आई लेकिन अधूरे कॉरिडोर को अबतक कोई पूरा नहीं कर पाया.

7.1 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर को न तो आगे बढ़ाया जा सका और ना ही इसका विकल्प ढूंढा गया है. महज न्यू सांगानेर रोड के अधूरे काम को पूरा कर जिम्मेदारी पूरी कर ली गई थी. नतीजा यह हुआ कि कॉरिडोर केवल टुकड़ों तक सीमित होकर रह गया. अब वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बीआरटीएस कॉरिडोर पर बड़ा निर्णय लेते हुए इसे बंद करने का फैसला लिया है.

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जयपुर में बीआरटीएस कॉरिडोर पर 500 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी यह योजना फेल साबित हुई है. इस रोड पर हादसों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ा है. सीकर रोड न्यू सांगानेर रोड पर 13 किलोमीटर का कॉरिडोर तैयार किया गया था. लेकिन इसके बीच अंबाबाड़ी से गवर्नमेंट हॉस्टल अजमेर पुलिया सोडाला होते हुए पुरानी चुंगी तक इसे जोड़ा जाए तो 29 किलोमीटर का कॉरिडोर तैयार होता लेकिन इस अधूरे प्रोजेक्ट को अब राज्य सरकार ने बंद करने का निर्णय ले लिया है. परिवहन मंत्री ने कहा है कि बीआरटीएस कॉरिडोर बनने के बाद सड़क हादसों में बढ़ोतरी हुई है और आमजन को काफी नुकसान भी हुआ है.

मेट्रो ने भी बीआरटीएस कॉरिडोर को अपने अंडर करने के लिए फाइल दी हुई है ताकि इस कॉरिडोर से न्यू सांगानेर रोड सहित कई जगह को मेट्रो से जोड़ सकें, लेकिन अबतक फाइल को भी मंजूरी नहीं दी गई है. यानी मेट्रो को भी बीआरटीएस कॉरिडोर नहीं दिया गया है. ऐसे में मेट्रो जयपुर का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का कहना है कि यदि बीआरटीएस कॉरिडोर को बंद करने के लिए उन्हें यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से मिलना पड़े तो वह खुद भी शांति धारीवाल से मिलकर इसको बंद करवाएंगे.

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