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Rajasthan: बिजली उपभोक्ताओं को राहत, सरकार पर आएगा 250 करोड़ का भार - Rajasthan hindi news

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की ओर से उपभोक्ताओं को राहत (Electricity rates reduced for Rajasthan tourism and hospitality units) मिलमे वाली है. पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी इकाइयों की बिजली दरों में कटौती करने से अब बिल का बोझ सरकार पर पड़ेगा. जानिए क्या है वर्तमान में पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी की विद्युत दर...

Rajasthan Electricity Regulatory Commission
बिजली उपभोक्ताओं को राहत
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Published : Apr 12, 2022, 10:17 AM IST

Updated : Apr 12, 2022, 1:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (Rajasthan Electricity Regulatory Commission) की ओर से उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में कटौती की जा रही है. पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी इकाइयों की बिजली दर में कमी से बिल का बोझ अब उपभोक्ताओं के बजाए प्रदेश सरकार पर पड़ेगा. बजट घोषणा में पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा के बाद इनकी बिजली दर में करीब 2.50 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी आई थी, जिसका भार आम उपभोक्ताओं के बिल पर डालने की योजना थी. लेकिन आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए इसकी अनुमति नहीं दी है.

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट (Electricity rates reduced for Rajasthan tourism and hospitality units) 2003 की धारा 108 का हवाला दिया है, जिसके तहत सरकार स्तर पर सब्सिडी देने का अधिकार निर्धारित है. दरअसल यदि ये भार आम बिजली उपभोक्ताओं के बिलों पर डाला जाता तो कम हुई दर का अंतर राशि करीब 250 करोड़ रुपए सालाना, उपभोक्ता को ही झेलना पड़ता.

पढे़ं-बजट घोषणा का फायदा 'मार्च' के बिजली बिलों में भी, उपभोक्ताओं की बल्ले-बल्ले

वर्तमान का पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी विद्युत दर: वर्तमान में पर्यटन इकाई को कमर्शियल (नॉन डोमेस्टिक) श्रेणी में मानकर बिजली बिल वसूला जाता है. इसमें विद्युत दर लोड के अनुसार, 7.55 रुपए से 8.95 रुपए प्रति यूनिट तक है. इसी तरह औद्योगिक कनेक्शन में बिजली की दर 6 रुपए से लेकर 7.30 रुपए प्रति यूनिट तक निर्धारित की गई है. स्मॉल इंडस्ट्री में 6 से 6.45 रुपए प्रति यूनिट और मध्यम उद्योग में 7 और बड़े औद्योगिक इकाई में साढे 7 रुपए प्रति यूनिट तक है. अब तक ज्यादातर पर्यटन इकाइयों को स्मॉल और मध्यम श्रेणी के उद्योग में ही रखा है, इसीलिए इसका सीधा फायदा 1.55 रुपए से 2.50 रुपए प्रति यूनिट तक होगा.

जयपुर. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (Rajasthan Electricity Regulatory Commission) की ओर से उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में कटौती की जा रही है. पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी इकाइयों की बिजली दर में कमी से बिल का बोझ अब उपभोक्ताओं के बजाए प्रदेश सरकार पर पड़ेगा. बजट घोषणा में पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा के बाद इनकी बिजली दर में करीब 2.50 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी आई थी, जिसका भार आम उपभोक्ताओं के बिल पर डालने की योजना थी. लेकिन आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए इसकी अनुमति नहीं दी है.

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट (Electricity rates reduced for Rajasthan tourism and hospitality units) 2003 की धारा 108 का हवाला दिया है, जिसके तहत सरकार स्तर पर सब्सिडी देने का अधिकार निर्धारित है. दरअसल यदि ये भार आम बिजली उपभोक्ताओं के बिलों पर डाला जाता तो कम हुई दर का अंतर राशि करीब 250 करोड़ रुपए सालाना, उपभोक्ता को ही झेलना पड़ता.

पढे़ं-बजट घोषणा का फायदा 'मार्च' के बिजली बिलों में भी, उपभोक्ताओं की बल्ले-बल्ले

वर्तमान का पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी विद्युत दर: वर्तमान में पर्यटन इकाई को कमर्शियल (नॉन डोमेस्टिक) श्रेणी में मानकर बिजली बिल वसूला जाता है. इसमें विद्युत दर लोड के अनुसार, 7.55 रुपए से 8.95 रुपए प्रति यूनिट तक है. इसी तरह औद्योगिक कनेक्शन में बिजली की दर 6 रुपए से लेकर 7.30 रुपए प्रति यूनिट तक निर्धारित की गई है. स्मॉल इंडस्ट्री में 6 से 6.45 रुपए प्रति यूनिट और मध्यम उद्योग में 7 और बड़े औद्योगिक इकाई में साढे 7 रुपए प्रति यूनिट तक है. अब तक ज्यादातर पर्यटन इकाइयों को स्मॉल और मध्यम श्रेणी के उद्योग में ही रखा है, इसीलिए इसका सीधा फायदा 1.55 रुपए से 2.50 रुपए प्रति यूनिट तक होगा.

Last Updated : Apr 12, 2022, 1:54 PM IST
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