जयपुर. 5 राज्यों में चुनाव की घोषणा (5 States Poll Results Impact On Rajasthan) हो चुकी है. सियासतदां अपनी सुविधानुसार परिभाषा भी गढ़ रहे हैं. भाजपा की राजनीति कैसे प्रभावित होगी या नहीं होगी इसे लेकर राय भी अलग-अलग है. यह नेता यूपी चुनाव के परिणामों को राजस्थान और देश की राजनीति से जोड़कर तो देखते हैं लेकिन राजस्थान में मिशन 2023 पर पड़ने वाले प्रभाव को खारिज करते हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और देवनानी की राय मेल खाते हुए भी अलग है.
क्षेत्रीय मुद्दे अलग : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण चतुर्वेदी (Arun Chaturvedi On Up Election 2022) और पूर्व शिक्षा मंत्री व मौजूदा विधायक वासुदेव देवनानी के अनुसार हर क्षेत्र और राज्य के चुनाव में अलग-अलग मुद्दे होते हैं और स्थानीय समीकरणों के आधार पर चुनाव पर इसका असर पड़ता है. चतुर्वेदी की मानें तो उत्तर प्रदेश में अलग चुनावी मुद्दे हैं जो वहां के क्षेत्रीय आधार पर तय होते हैं जबकि राजस्थान के मुद्दे अलग हैं. चतुर्वेदी मानते हैं कि 5 राज्यों के नतीजों का असर राजस्थान पर नहीं पड़ेगा. साथ ही कहते हैं कि 2023 राजस्थान की सरकार की नाकामयाबियां ही मुद्दा होंगी.
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UP चुनाव अहम : पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी का मानना है पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम काफी अहम रहेंगे. खासतौर पर उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम पूरी देश की राजनीति पर प्रभाव डालेंगे. देवनानी यूपी सरकार की उपलब्धियों का गुणगान करते हैं और कहते हैं कि काशी विश्वनाथ कोरिडोर और पवित्र गंगा के विकास से जुड़े मुद्दों पर उन्हें सराहा जाएगा. राजस्थान से ज्यादा वो केंद्र सरकार की बात करते हैं. कहते हैं केन्द्र के सफल कार्यों का Reflection इन चुनाव परिणामों में देखने को मिलेगा.
UP Punjab चुनाव में भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता तैनात : राजस्थान भाजपा ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में प्रदेश से बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार और प्रबंधन की दृष्टि से जिम्मेदारियां दी हैं. राजस्थान से पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रबंधन और प्रचार के काम में जुटे कार्यकर्ता और नेताओं की संख्या ढाई सौ से अधिक की बताई जा रही है. यही कारण है कि इन दोनों ही प्रदेशों के चुनाव परिणाम अपने पड़ोसी राज्य मतलब राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Connection To Assembly Election 2022 ) पर भी असर डालते हैं.
बारां जिला प्रमुख चुनाव क्रॉस वोटिंग मामले पर क्या बोले देवनानी ? बारां जिला प्रमुख चुनाव में बहुमत के बावजूद क्रॉस वोटिंग के चलते हार का दंश झेल चुकी भाजपा ने इस पूरे मामले की जांच कर ली है और यह रिपोर्ट प्रदेश भाजपा नेतृत्व के पास भी पहुंच चुकी है. बारां में संगठनात्मक दृष्टि से बनाए गए चुनाव प्रभारी वासुदेव देवनानी ने ये जानकारी दी. रिपोर्ट में क्रॉस वोटिंग में शामिल संदिग्ध नेता व कार्यकर्ताओं की जानकारी भी दी गई है. देवनानी ने उम्मीद जताई है कि इसके आधार पर पार्टी दोषी नेता व कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और बारां चुनाव प्रभारी वासुदेव देवनानी ने बताया कि बतौर प्रभारी के स्तर पर उन्होंने इस पूरे प्रकरण की हर पहलू की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रदेश इकाई को सौंपी है अब निर्णय प्रदेश नेतृत्व को लेना है. देवनानी ने यह भी माना कि पार्टी के भीतर के ही कुछ नेता व कार्यकर्ताओं की संलिप्तता के कारण भाजपा के पास बहुमत होने के बावजूद पार्टी अपना जिला प्रमुख नहीं बना पाई. देवनानी ने कहा कि इस मामले में प्रदेश नेतृत्व में भी 2 सदस्य जा समिति बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट और हमारी रिपोर्ट के आकलन पर पार्टी उचित निर्णय लेगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
गौरतलब है कि पिछले दिनों हुए बारां जिला प्रमुख चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चलते भाजपा को बहुमत होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था. बारां जिला प्रमुख पद पर चुनाव में जिला परिषद की 25 में से 13 सीटों पर भाजपा और 12 पर कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन क्रॉस वोटिंग चलते बीजेपी अपना जिला प्रमुख नहीं बना पाई और जिला प्रमुख पद पर कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी. क्रॉस वोटिंग किस घटना के बाद स्थानीय भाजपा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह के निवास व कार्यालय पर भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ कर हंगामा किया था. जिसके बाद संगठन स्तर पर इसकी जांच करवाई गई थी.