जयपुर. राजस्थान में साल 2020 के जुलाई महीने में आया कांग्रेस पार्टी में भूचाल अब तक हर किसी के जेहन में है, लेकिन राजनीतिक उठापटक के बीच में कांग्रेस पार्टी के संगठन को जो नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई आज 9 महीने बाद भी नहीं हो सकी है. भले ही प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी 6 महीनों के इंतजार के बाद जनवरी में गठित कर दी गई, लेकिन कांग्रेस पार्टी की बैकबोन मानी जाने वाली ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटियों का गठन 9 महीने गुजर जाने के बाद भी अब तक नहीं हो सका है.
दरअसल, 14 जुलाई 2020 को प्रदेश कांग्रेस सेवादल, कांग्रेस और यूथ कांग्रेस के अध्यक्षों को हटाकर नए अध्यक्ष तो बना दिए गए, लेकिन प्रदेश कांग्रेस की जिला कार्यकारिणीया और ब्लाक कार्यकारिणी भी 16 जुलाई को भंग कर दी गई थी. प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी तो 6 महीने के इंतजार के बाद भले ही बन गई हो, लेकिन जिला कार्यकारिणी और ब्लाक कार्यकारिणी का गठन अब तक राजस्थान में नहीं हो सका है.
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बता दें, राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के 39 जिला अध्यक्ष और 39 जिला कार्यकारिणी बनते हैं, तो वहीं हर विधानसभा में 2 ब्लॉक अध्यक्ष और ब्लाक कार्यकारिणीया गठित होती है. इस तरह से प्रदेश के कुल 400 ब्लॉक अभी केवल नाम मात्र के लिए काम कर रहे हैं, क्योंकि ना तो इन 400 ब्लॉक में ब्लॉक अध्यक्ष हैं और ना ही ब्लाक कार्यकारिणी.
उपचुनाव के चारों जिलों में भी जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष नहीं
राजस्थान में 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. उपचुनाव को लेकर तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं, लेकिन जिन 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है उन चार विधानसभा के 8 ब्लॉक और उनकी कार्यकारिणी और 4 जिले राजसमंद, भीलवाड़ा ,चूरू और उदयपुर के जिला अध्यक्ष और जिला कार्यकारिणी अभी भी नहीं बनी है. ऐसे में निवर्तमान अध्यक्ष और कार्यकारिणी के नेताओं से ही कांग्रेस पार्टी को काम चलाना पड़ेगा. खास बात यह है कि ज्यादातर नेताओं को यह पता है कि अब दोबारा उनको ब्लॉक अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष के तौर पर मौका मिलना मुश्किल है, ऐसे में वह कितनी इमानदारी से चुनाव जिताने में अपनी भूमिका निभाएंगे यह देखने की बात होगी.
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सेवादल और एनएसयूआई को भी है अपनी कार्यकारिणी का इंतजार
राजस्थान में आए सियासी भूचाल के बाद कांग्रेस संगठन में आमूलचूल परिवर्तन किए गए. राजस्थान कांग्रेस के साथ ही अग्रिम संगठनों, सेवादल, एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बदले गए, केवल महिला कांग्रेस की अध्यक्ष को बरकरार रखा गया. सेवादल और एनएसयूआई के अध्यक्षों के साथ उनकी कार्यकारिणी भी भंग कर दी गई थी, जिनके बनने का अभी इंतजार है, तो वहीं यूथ कांग्रेस की कार्यकारिणी को भी बंभ कर दिया गया और महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी को दोबारा बना दिया गया है. ऐसे में सेवादल और एनएसयूआई जैसे अग्रिम संगठनों को भी उनकी कार्यकारिणी के गठन का 9 महीने बाद भी इंतजार है.