जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दिल्ली यात्रा को लेकर संभवत: आम लोगों में इतनी उत्सुकता न रही हो जितनी कांग्रेस के विधायकों, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं में है. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस कार्यकर्ता और विधायक यह आस लगाकर बैठे हैं कि कब मुख्यमंत्री दिल्ली जाएं और कब प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों के जरिए कार्यकर्ताओं और मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए विधायकों को सरकार में कोई विशेष स्थान मिले.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को साथ लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार रात को दिल्ली पहुंच चुके हैं और प्रदेश की राजनीतिक मसलों जिनमे वैट में कितनी कटौती हो, राजनीतिक नियुक्तियों ओर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आज प्रियंका गांधी, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ चर्चा होना संभावित है.
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गहलोत की दिल्ली यात्रा का सबसे प्रमुख एजेंडा वैट में कटौती
राजस्थान के मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं. भले ही कांग्रेस के नेता और विधायक मुख्यमंत्री के इस दौरे को केवल मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के साथ जोड़ रहे हैं , लेकिन हकीकत यह है कि मुख्यमंत्री का यह दौरा मुख्य रूप से राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर लग रहे वैट में कितनी कटौती हो इसे लेकर हो रहा है. अब तक लगातार वैट में कटौती को लेकर इंकार कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार शाम जोधपुर में इस बात के संकेत दे दिए कि राजस्थान में वह भी वैट में कटौती करने जा रहे हैं, लेकिन ये कटौती कितनी होगी यह निर्णय मुख्यमंत्री आलकमान से बात करके ही करेंगे.
दरअसल देशभर में कांग्रेस पार्टी 14 से 29 नवंबर तक जन जागरण अभियान चलाने जा रही है जिसमें आम जनता से पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई के लिए केंद्र सरकार की गलत नीतियों को आम जनता तक पहुंचाएगी लेकिन केंद्र सरकार के एक्साइज में कटौती किए जाने के बाद देश के 25 राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती कर दी गई है. इसके चलते अन्य राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हो गईं हैं और राजस्थान में अब तक वैट में कटौती नहीं की गई है.
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ऐसे में राजस्थान देश का वह राज्य बन गया है जहां पेट्रोल और डीजल सबसे महंगा है. और अगर राजस्थान में वैट में कटौती नहीं होती है तो कांग्रेस का जन जागरण अभियान केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में विफल हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि विपक्ष इस बात को मुद्दा बनाएगा कि जो कांग्रेस केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल की महंगाई को लेकर जन जागरण अभियान चला रही है, उनके कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में पेट्रोल-डीजल सबसे महंगा है और वह भी वैट नहीं घटाने के कारण जो राज्य सरकार के हाथ में होता है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी दिल्ली से ही वैट को लेकर अंतिम निर्णय लेंगे क्योंकि गहलोत भी यह मैसेज देना चाहते हैं कि भले ही वह राज्य के आर्थिक स्थितियों को देखते हुए वैट में कटौती नहीं करना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस आलाकमान जनता को राहत देना चाहता है और आलाकमान के कहने पर ही वह वैट में कटौती कर रहे हैं.
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मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक विस्तार पर भी प्रियंका, अजय माकन और वेणुगोपाल से होगी चर्चा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली की यात्रा को लेकर विधायकों और कांग्रेस नेताओं में जिस मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की सबसे ज्यादा उत्सुकता है. उस पर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ चर्चा करेंगे, लेकिन अभी प्रदेश में कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के लिए विधायकों और नेताओं को और इंतजार करना पड़ सकता है.
कारण साफ है कि राज्यपाल कलराज मिश्र 13 नवंबर तक दिल्ली दौरे पर रहेंगे. राज्यपाल आज सुबह दिल्ली पहुंच जाएंगे. 11 नवंबर को उनका राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों के सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम है. उसके बाद 13 नवंबर तक उन्हें वापस जयपुर लौटना है तो 14 नवंबर से राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का जन जागरण अभियान शुरू होने जा रहा है. ऐसे में इस अभियान के बीच में मंत्रिमंडल विस्तार या राजनीतिक नियुक्तियां करना मुश्किल दिखाई लग रहा है.