जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को एक बार फिर प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के लिए सचिन पायलट को जिम्मेदार बताया. गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट ने पार्टी अध्यक्ष रहते हुए सरकार गिराने का षडयंत्र रचा. उन्होंने कहा कि पिछले 10-12 साल में उन्हें पार्टी ने सब कुछ दिया, लेकिन मैं जब बोलता था तो किसी को यकीन नहीं होता था कि षड्यंत्र चल रहा है.
गहलोत ने कहा कि पायलट बार-बार यह कहकर सहानुभूति पाने की कोशिश कर रहे थे कि उनके कारण राजस्थान में सरकार बनी है. उन्होंने कहा कि इस पूरे षडयंत्र में बीजेपी सचिन पायलट का सहयोग कर रही है और उनके समर्थकों को कह रही है कि अगर उपचुनाव होंगे तो इन विधायकों के सामने प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 7 साल में केवल राजस्थान ही एक ऐसा राज्य है, जहां प्रदेश अध्यक्ष बदलने की किसी ने मांग नहीं की. उन्होंने कहा कि जबकि सबको पता था कि वह निकम्मे हैं, नाकारा हैं और धोखेबाज हैं, लेकिन इसके बावजूद उनको बदलने का प्रयास हमने नहीं किया.
'मुंबई के कॉरपोरेट हाउस पायलट की मदद कर रहे थे'
इस दौरान गहलोत ने एक बड़ा आरोप पायलट पर लगाया कि AICC के अध्यक्ष बनने के लिए भी मुंबई के कॉरपोरेट हाउस सचिन पायलट की मदद कर रहे थे. जिस तरीके से हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी वकील पायलट ने तय किए हैं, वह कॉरपोरेट के ही वकील हैं और बीजेपी को खुश करने के लिए यह सारा षड्यंत्र हो रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सचिन पायलट पूरी सुरक्षा छोड़ कर चुपचाप दिल्ली अपनी कार खुद चला कर जाते थे, उसी तरीके से अब भाजपा के सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ भी दिल्ली गए और अगले दिन वापस जयपुर आकर झूठ बोले कि वह दिल्ली नहीं गए.
विधायकों को बंधक बनाकर रखा है...
गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट के खेमे में शामिल विधायक वापस आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बंधक बनाकर रखा हुआ है. गहलोत ने कहा कि हम उम्मीद करते थे कि सचिन पायलट कांग्रेस के असेट साबित होंगे, लेकिन अब वह अपने ही विधायकों को बंधक बनाकर बाउंसर लगा रखे हैं.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर आरोप लगाया कि कभी ऐसा नहीं सुना कि एक प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष की अपनी सरकार को गिराने के लिए इस तरीके की कोशिश में जुटा हो. उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को होटल में रुकवाने का बिल तो कांग्रेस पार्टी देगी, लेकिन उनसे पूछा जाए कि उनके बिल कौन देगा. वहीं, अंत में सियासी संकट के सवाल को लेकर अशोक गहलोत ने एक ही शब्द का सत्यमेव जयते.