जयपुर. राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपने पत्र में कहा है कि राजस्थान सरकार के इस निर्णय का सभी ने स्वागत किया है कि आपने 1 मई से युवा वर्ग को वैक्सिन लगाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है, लेकीन वैक्सीन की मात्रा कम आने की वजह से या अन्य कारणों से वैक्सिनेशन सेंटर बहुत ही कम बनाए गए हैं और जो बनाए गए हैं उन सभी में ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी गयी है.
कटारिया ने कहा कि मैं आपका ध्यान जिस क्षेत्र के बारे में आकर्षित करना चाहता हूं, वहां की 70 प्रतिशत जनता ग्रामीण और आदिवासी है. इन लोगों को ऑनलाइन बुकिंग कराना नहीं आता है और न ही इन्हें इसकी सुविधा है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में असंतोष बढ़ता जा रहा है. उदयपुर जिले के कोटड़ा, झाडोल, गोगुन्दा, खैरवाड़ा, लसाडियां यहां तक कि उदयपुर ग्रामीण और बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ जिले में जो केन्द्र बनाए गए हैं, उन पर लगने वाली वैक्सीन 90-95 प्रतिशत व्यक्ति शहरों से या अन्य स्थानों से उन केन्द्रों पर पहुंच रहे हैं. मेरे यहां तो झाड़ोल, कोटड़ा की सीमा पर जो केन्द्र स्थापित किए गए हैं, उन पर गुजरात के लोग ऑनलाइन बुकिंग कराकर वैक्सिन लगवा रहे हैं, इसलिए स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. यह आक्रोश कभी भी कानून व्यवस्थ को ध्वस्त कर सकता है. जहां वैक्सिन हो रहा है, वहां के व्यक्ति वैक्सिन नहीं लगवा पा रहे हैं.
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कटारिया ने यह रखी मांग
- जिन केन्द्रों पर वैक्सीनेशन हो रहा है, उस केन्द्र के आस-पास के लोगों को भी वैक्सीन लगे, इसके लिए जिस प्रकार की व्यवस्था में बदलाव करना हो उसे तत्काल किया जाए.
- वैक्सीनेशन के केन्द्र बढ़ाए जाएं और वैक्सीन की मात्रा को भी ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ाने के लिए विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि अप्रैल, मई में ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड की महामारी काफी विकराल रूप ले चुकी है.
- इस बार कोविड-19 के सेकेंड फेज में गांवों के भी अधिकांश नौजवानों की मौत हुई है, जिसके कारण परिवार और आमजन अपने आपको बहुत ही दुखी महसूस कर रहा है.
बीजेपी विधायक रामलाल शर्मा ने भी रखी मांग
रामलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीनेशन अभियान राज्य सरकार की ओर से चलाया जा रहा है. वर्तमान में वैक्सीनेशन सेंटरों पर अव्यवस्थाओं के चलते आमजन को काफी परेशानी के साथ-साथ संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है. कल मैं वैशालीनगर में बाबूलाल कुमावत से मिला, जो विगत 25 दिनों से कोविड-19 से ग्रसित थे. उन्होनें बताया कि हमारी कॉलोनी में विगत महीने 19-20 अप्रैल को वैक्सीन कैम्प लगाया गया था, जिसमें 180 लोगों ने वैक्सीन लगाई थी, जिसमें मैं और मेरी पत्नी भी गए थे. उसके बाद सभी 180 लोग संक्रमित हुए. महोदय मेरे विचार से वैक्सीन सेटरों पर आने वाली भीड़, लम्बी-लम्बी कतारें सोशल डिस्टेसिंग का पालन ना होना और वैक्सीन सेंटरों पर संक्रमित व्यक्तियों के लिए अलग से व्यवस्था ना होना इसका प्रमुख कारण हो सकता है. अगर आने वाले दिनों में वैक्सीनेशन सेंटरों पर मेरे इन सुझावों को अमल में लाया जाए तो काफी हद तक लोगों को राहत मिल सकती है.
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- वैक्सीन सेंटरों के बाहर लम्बी कतार को सोशल डिस्टेसिंग में खड़ा करवाया जाए.
- वैक्सीनेशन सेंटरों पर जितनी वैक्सीन की मात्रा है उतने कूपन उपस्थित लोगों को वितरित किये जायें और उन पर समय भी लिखा हो ताकि भीड़ एक साथ नहीं हो.
- वैक्सीनेशन सेंटरों पर आने वाले लोगों को वैक्सीन की मात्रा की जानकारी हो ताकि 3-4 घण्टे लाइनों में लगने के उपरान्त भी उन्हें निराश ना लौटाना पड़े.
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर बाहर से आने वाले लोगों को रोकना चाहिए ताकि वैक्सीनेशन सेंटर के आस-पास के क्षेत्र के लोगों को लाभ मिल सके.
- डाक, बिजली, पेट्रोल पम्प कार्मिकों, बैंक कर्मचारियों, रोडवेज कर्मियों, पुलिस, राशन वितरकों, ई-मित्र धारकों को पहले टीके लगाने की व्यवस्था की जाए.