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संघ प्रचारक के खिलाफ ACB में दर्ज मामले में भड़की भाजपा, कहा- राजस्थान में अंधेर नगरी चौपट राजा की स्थिति

राजस्थान भाजपा RSS के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम (Nimbaram) के खिलाफ ACB में दर्ज मामले को लेकर भड़क गई है. बुधवार को राजेंद्र राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. साथ ही कहा कि राष्ट्रवादी संगठन पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई बर्दाश्त नहीं होगी. भाजपा अब सड़कों पर उतरेगी.

FIR registered against Nimbaram,  Rajendra Rathore targeted Congress
राजस्थान भाजपा
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Published : Jun 30, 2021, 6:26 PM IST

जयपुर. बीवीजी कंपनी (BVG Company) प्रतिनिधि के साथ कथित लेनदेन के वायरल वीडियो (Viral Video) के आधार पर संघ प्रचारक निम्बाराम के खिलाफ ACB में दर्ज मामले पर भाजपा (BJP) भड़क गई है. भाजपा ने इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते की गई व्यवस्था पूर्ण कार्रवाई करार दिया. साथ ही पुलिस अधिकारियों को भी सत्ता के दबाव में नहीं बल्कि कानून के अनुसार काम करने की हिदायत दी. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी (Arun Chaturvedi) ने बुधवार को गहलोत सरकार (Gehlot Government) पर जमकर जुबानी हमला बोला.

पढ़ें- संघ और भाजपा में भ्रष्टाचार हावी, RSS के क्षेत्रीय प्रचारक को गिरफ्तार करे सरकार: डोटासरा

राजस्थान में अंधेर नगरी चौपट राजा की स्थिति: राठौड़

राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि गहलोत सरकार के राज में अंधेरी नगरी चौपट राजा की तरह काम हो रहा है. मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए गहलोत सरकार सरकारी एजेंसियों का बेवजह इस्तेमाल कर रही है. राठौड़ ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की फितरत में है राजनीतिक प्रतिद्वंदिता, जिसके चलते ACB का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.

राजस्थान में अंधेर नगरी चौपट राजा की स्थिति

राठौड़ ने कहा कि RSS एक राष्ट्र प्रेमी संगठन है, लेकिन राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) दिल्ली में बैठे अपने आकाओं को खुश करने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई कर रही है. लेकिन गहलोत सरकार को यह मामला भारी पड़ेगा और सदन से लेकर सड़क तक हम सरकार के खिलाफ बिगुल बजा देंगे.

बिना शिकायत के दर्ज किया परिवाद, FSL जांच पर भी उठाए सवाल

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस प्रकरण में बिना किसी शिकायत के ACB ने परिवाद दर्ज किया, लेकिन इसकी कोई बुनियाद भी नहीं थी क्योंकि खुद BVG कंपनी के प्रोजेक्ट हैं. ओमकार सप्रे ने इस तथाकथित कूटनीतिक रूप से बनाए गए वीडियो के मामले में अपना बयान जारी कर साफ कर दिया था कि लेनदेन संबंधी कोई बात किसी संस्था या व्यक्ति के साथ नहीं हुई. इसके बाद भी परिवाद दर्ज किया गया.

पढ़ें- कोर्ट में सुनवाई से पहले वायरल हो रहा राजाराम गुर्जर का ऑडियो-वीडियो, एक वीडियो में नजर आए कथित संघ प्रचारक निंबाराम

वायरल ऑडियो और वीडियो की जांच राजस्थान FSL में हुई, उसकी रिपोर्ट जारी करना चाहिए. लेकिन राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने एफएसएल की जांच के लिए तेलंगाना भेजा. जबकि नियम यह है कि यदि राज्य की जांच से आप संतुष्ट नहीं तो फिर सेंट्रल एफएसएल (Central FSL) में जांच के लिए भेजा जाता है.

अपने विधायकों के मामले में क्यों लगाई FR: राठौड़

राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने एकल पट्टा प्रकरण में साल 2014 में दर्ज FIR में मुख्य आरोपी जीएस संधू सहित तीन अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा वापस लेने के सरकार के आवेदन पर भी सवाल उठाया. वहीं, पूर्व में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) सहित 16 विधायकों पर दर्ज कराए गए 4 मामलों में एफआर लगाने पर भी सवाल उठाया. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हाल ही में दर्ज प्रकरण में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) सरकार और ACB से गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, लेकिन कुछ धाराएं कांग्रेस विधायकों के खिलाफ दर्ज कराए गए पूर्व के मामलों में भी समान है. ऐसे में भाजपा की मांग है कि उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

पढ़ें- RSS प्रचारक निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज करने पर भड़की भाजपा, गहलोत सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति का आरोप

राजनीतिक द्वेष से कर रहे बदनाम: चतुर्वेदी

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि जिस प्रकार राजनीतिक प्रतिद्वंदता के चलते यह प्रकरण ACB में दर्ज किया गया है, वह सीधे तौर पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार की मंशा को जता रहा है. चतुर्वेदी के अनुसार पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के चलते इस प्रकार की गलत कार्रवाई की जा रही है, जिसका भाजपा पुरजोर तरीके से विरोध करेगी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) एक राष्ट्रभक्त है और जिस प्रकार पूर्व के कई मामलों में तत्कालिक कांग्रेस सरकारों (Congress Government) ने संघ के स्वयंसेवकों और प्रचारकों पर मामले दर्ज किए थे तब भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी और अब भी मुंह की खानी पड़ेगी.

राजनीतिक द्वेष से कर रहे बदनाम

एसीबी अधिकारियों को भी चेताया

राजेंद्र राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी ने प्रदेश के अधिकारियों को भी सत्ता के प्रभाव में किसी प्रकार कि गलत कार्रवाई नहीं करने को लेकर चेताया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ऐसे अधिकारियों का भी ध्यान रखा जाएगा. लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि अधिकारी नियम अनुसार सत्ता के दबाव के बिना अपना काम करें.

पढ़ें- बीवीजी वायरल वीडियो मामला: सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर सहित दो गिरफ्तार

दिल्ली दौरे पर सतीश पूनिया

वहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया बुधवार दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हो गए. माना जा रहा है जिस प्रकार गहलोत सरकार (Gehlot Government) की ओर से एसीबी के जरिए संघ प्रचारक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, उस बारे में अब पार्टी आक्रमक रुख अख्तियार कर सकती है. इसी सिलसिले में पूनिया का ये दिल्ली प्रवास माना जा रहा है.

हालांकि, दिल्ली में पूनिया केंद्रीय पदाधिकारियों से मिलेंगे इस पर अभी संशय है. लेकिन प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम हो को लेकर ही उनका यह दिल्ली दौरा माना जा रहा है. संभवत: गुरुवार को उनका जयपुर वापसी का कार्यक्रम है.

जयपुर. बीवीजी कंपनी (BVG Company) प्रतिनिधि के साथ कथित लेनदेन के वायरल वीडियो (Viral Video) के आधार पर संघ प्रचारक निम्बाराम के खिलाफ ACB में दर्ज मामले पर भाजपा (BJP) भड़क गई है. भाजपा ने इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते की गई व्यवस्था पूर्ण कार्रवाई करार दिया. साथ ही पुलिस अधिकारियों को भी सत्ता के दबाव में नहीं बल्कि कानून के अनुसार काम करने की हिदायत दी. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी (Arun Chaturvedi) ने बुधवार को गहलोत सरकार (Gehlot Government) पर जमकर जुबानी हमला बोला.

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राजस्थान में अंधेर नगरी चौपट राजा की स्थिति: राठौड़

राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि गहलोत सरकार के राज में अंधेरी नगरी चौपट राजा की तरह काम हो रहा है. मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए गहलोत सरकार सरकारी एजेंसियों का बेवजह इस्तेमाल कर रही है. राठौड़ ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की फितरत में है राजनीतिक प्रतिद्वंदिता, जिसके चलते ACB का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.

राजस्थान में अंधेर नगरी चौपट राजा की स्थिति

राठौड़ ने कहा कि RSS एक राष्ट्र प्रेमी संगठन है, लेकिन राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) दिल्ली में बैठे अपने आकाओं को खुश करने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई कर रही है. लेकिन गहलोत सरकार को यह मामला भारी पड़ेगा और सदन से लेकर सड़क तक हम सरकार के खिलाफ बिगुल बजा देंगे.

बिना शिकायत के दर्ज किया परिवाद, FSL जांच पर भी उठाए सवाल

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस प्रकरण में बिना किसी शिकायत के ACB ने परिवाद दर्ज किया, लेकिन इसकी कोई बुनियाद भी नहीं थी क्योंकि खुद BVG कंपनी के प्रोजेक्ट हैं. ओमकार सप्रे ने इस तथाकथित कूटनीतिक रूप से बनाए गए वीडियो के मामले में अपना बयान जारी कर साफ कर दिया था कि लेनदेन संबंधी कोई बात किसी संस्था या व्यक्ति के साथ नहीं हुई. इसके बाद भी परिवाद दर्ज किया गया.

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वायरल ऑडियो और वीडियो की जांच राजस्थान FSL में हुई, उसकी रिपोर्ट जारी करना चाहिए. लेकिन राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने एफएसएल की जांच के लिए तेलंगाना भेजा. जबकि नियम यह है कि यदि राज्य की जांच से आप संतुष्ट नहीं तो फिर सेंट्रल एफएसएल (Central FSL) में जांच के लिए भेजा जाता है.

अपने विधायकों के मामले में क्यों लगाई FR: राठौड़

राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने एकल पट्टा प्रकरण में साल 2014 में दर्ज FIR में मुख्य आरोपी जीएस संधू सहित तीन अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा वापस लेने के सरकार के आवेदन पर भी सवाल उठाया. वहीं, पूर्व में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) सहित 16 विधायकों पर दर्ज कराए गए 4 मामलों में एफआर लगाने पर भी सवाल उठाया. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हाल ही में दर्ज प्रकरण में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) सरकार और ACB से गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, लेकिन कुछ धाराएं कांग्रेस विधायकों के खिलाफ दर्ज कराए गए पूर्व के मामलों में भी समान है. ऐसे में भाजपा की मांग है कि उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

पढ़ें- RSS प्रचारक निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज करने पर भड़की भाजपा, गहलोत सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति का आरोप

राजनीतिक द्वेष से कर रहे बदनाम: चतुर्वेदी

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि जिस प्रकार राजनीतिक प्रतिद्वंदता के चलते यह प्रकरण ACB में दर्ज किया गया है, वह सीधे तौर पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार की मंशा को जता रहा है. चतुर्वेदी के अनुसार पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के चलते इस प्रकार की गलत कार्रवाई की जा रही है, जिसका भाजपा पुरजोर तरीके से विरोध करेगी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) एक राष्ट्रभक्त है और जिस प्रकार पूर्व के कई मामलों में तत्कालिक कांग्रेस सरकारों (Congress Government) ने संघ के स्वयंसेवकों और प्रचारकों पर मामले दर्ज किए थे तब भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी और अब भी मुंह की खानी पड़ेगी.

राजनीतिक द्वेष से कर रहे बदनाम

एसीबी अधिकारियों को भी चेताया

राजेंद्र राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी ने प्रदेश के अधिकारियों को भी सत्ता के प्रभाव में किसी प्रकार कि गलत कार्रवाई नहीं करने को लेकर चेताया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ऐसे अधिकारियों का भी ध्यान रखा जाएगा. लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि अधिकारी नियम अनुसार सत्ता के दबाव के बिना अपना काम करें.

पढ़ें- बीवीजी वायरल वीडियो मामला: सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर सहित दो गिरफ्तार

दिल्ली दौरे पर सतीश पूनिया

वहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया बुधवार दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हो गए. माना जा रहा है जिस प्रकार गहलोत सरकार (Gehlot Government) की ओर से एसीबी के जरिए संघ प्रचारक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, उस बारे में अब पार्टी आक्रमक रुख अख्तियार कर सकती है. इसी सिलसिले में पूनिया का ये दिल्ली प्रवास माना जा रहा है.

हालांकि, दिल्ली में पूनिया केंद्रीय पदाधिकारियों से मिलेंगे इस पर अभी संशय है. लेकिन प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम हो को लेकर ही उनका यह दिल्ली दौरा माना जा रहा है. संभवत: गुरुवार को उनका जयपुर वापसी का कार्यक्रम है.

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