जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे मजदूर संघ के मंडल अध्यक्ष सौरभ दीक्षित ने बताया कि रेलवे के निजीकरण और न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया है. निजीकरण को लेकर लंबे समय से कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. इसके बावजूद भी भारत सरकार ने तेजस ट्रेन को निजी हाथों में दे दिया.
रेलवे कर्मचारी आंदोलन के जरिए सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने रेलवे कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो रेलवे कर्मचारी रेलों का चक्का जाम करने में भी पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण पर सरकार तुरंत लगाम लगाए और न्यू पेंशन की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करे.
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उत्तर पश्चिम रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री विनोद मेहता ने बताया कि पूरे भारत देश में रेल यूनियन मिलकर निजीकरण के विरोध में धरने प्रदर्शन कर रही है. रेलवे कर्मचारी रेलवे का निजीकरण नहीं होने देंगे. न्यू पेंशन स्कीम लागू करके कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. निजीकरण से आम यात्रियों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा.
रेलवे कर्मचारियों की प्रमुख मांगे-
- न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाए
- रेलवे के निजीकरण व निगमीकरण पर रोक लगाई जाए
- सभी कार्यों में 12 घंटे की ड्यूटी समाप्त कर ड्यूटी रोस्टर आई से सी किया जाए
- ट्रैकमैन की कैडर रिस्ट्रक्चरिंग के तहत पदोन्नति आदेश शीघ्र जारी किए जाए
- रेलवे बोर्ड और एनएफआईआर के बीच हुई सहमति के अनुसार मेल /एक्सप्रेस लोको पायलट को पे मैट्रिक्स लेवल 7 ग्रेड-पे रुपए 4 हजार 600 में करने के आदेश जारी की जाए
- टेक्निशियन सेकेंड और टेक्नीशियन फर्स्ट कॉमर्स किया जाए
- रेलवे आवासों की दयनीय स्थिति को सुधारा जाए और अबंडन कर पात्रता अनुसार नए आवासों का निर्माण कराया जाए
- पॉइंट मैन कोटी में पे मैट्रिक्स लेवल 4, 5 और 6 (ग्रेड पे 2400, 2800, 4200 रुपये) देकर पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराया जाए
- सी कार्य स्थलों पर महिला कर्मचारियों के पृथक शौचालय और यूनिफॉर्म चेंजिंग रूम बनाए जाए
- सभी कोटियों के कर्मचारियों की पदोन्नति आदेश समय पर करना सुनिश्चित किया जाए
- कर्मचारियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरकर कर्मचारियों पर कार्य का अतिरिक्त दबाव कम किया जाए
- ट्रैक मेंटेनरो की पदस्थापना मंडल द्वारा जारी की गई पिन-पायटिंग के अनुसार की जाए
- 10 प्रतिशत इंटेक नीति के तहत पात्र ट्रैक मेंटेनरो को शीघ्र कार्यमुक्त किया जाए और 40 प्रतिशत इंटेक नीति की पालना सुनिश्चित की जाए
- सभी विभागों के सुपरवाइजर को को समय पर विश्राम और अवकाश देकर तरह मुक्त किया जाए
- माल गाड़ियों को बिना गार्ड के चलाने पर रोक लगाकर संरक्षा से खिलवाड़ बंद किया जाए
- रेलवे बोर्ड और प्रधान कार्यालय के निर्देशानुसार टिकट चेकिंग विश्राम ग्रहों को रनिंग रूप के समकक्ष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए
- ओपीडी में समय पर डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित कर मरीजों को हो रही परेशानी दूर की जाए
- सभी कार्य स्थलों पर रेल कर्मचारियों के व्हीकल की पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई जाए
- स्वयं की प्रार्थना आवधिक स्थानांतरण और पदोन्नति पर स्थानांतरण होने वाले कर्मचारियों को समय पर कार्यमुक्त किया जाए
अब देखने वाली बात ये होगी कि निजीकरण पर लगाम लगाए जाने के मांग को लेकर सरकार आगे क्या फैसला लेती है.