जयपुर. राजधानी जयपुर में महिला आरपीएस अधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार एडवोकेट के ऑफिस पर पुलिस ने गुरुवार को छापा मारा. तलाशी के दौरान मौके पर भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया. गिरफ्तार एडवोकेट गोवर्धन सिंह से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आई थी. जिसके बाद पुलिस ने ऑफिस पर रेड की कार्रवाई की. सर्च में एडवोकेट के ऑफिस के कंप्यूटर में कई आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं. इसके अलावा कई अधिकारियों से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं.
राजधानी जयपुर की सदर थाना पुलिस ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर तैनात महिला आरपीएस अधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के मामले में आरोपी एडवोकेट को बुधवार को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से बचने के लिए एडवोकेट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया था. बुधवार 27 अप्रैल को उच्च न्यायालय की ओर से गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने के निर्णय के बाद, पुलिस ने आरोपी गोवर्धन सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. दलित महिला पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के संबंध में जुर्म प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी गोवर्धन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.
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क्या है पूरा मामला: एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा के मुताबिक 3 अप्रैल 2020 को सदर थाने में महिला आरपीएस अधिकारी ने एडवोकेट गोवर्धन सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि कोरोना महामारी के दौरान खासा कोठी पुलिया के नीचे ड्यूटी पर थी. लोक डाउन में पास चेकिंग को लेकर विवाद हुआ था. इस दौरान आरोपी ने अपने साथियों के साथ आपत्तिजनक तरीके से अभद्र भाषा का प्रयोग किया और देख लेने की धमकी दी थी. इसके बाद भी आरोपी गोवर्धन सिंह की ओर से महिला आरपीएस अधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी और महिला की गरिमा के विरुद्ध आपत्तिजनक व्यक्तिगत टिप्पणियां लगातार फेसबुक पेज पर पोस्ट की गई. आरोपी ने महिला आईपीएस अधिकारी के राजकीय कर्तव्य के संबंध में जातिसूचक टिप्पणी भी की थी.
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू की. मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपी पक्ष की ओर से कई बार आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई. मामले की प्रारंभिक जांच एसीपी प्रमोद स्वामी ने की. इसके बाद क्राइम ब्रांच में पदस्थापित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिताबडगूजर ने जुर्म प्रमाणित माना. मामले में फिर से जांच एडीसीबी अशोक चौहान को सुपुर्द की गई. इस दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी गोवर्धन सिंह ने उच्च न्यायालय में रिट दायर की. न्यायालय ने गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अनुसंधान जारी रखने के निर्देश दिए थे.
4 मई तक पुलिस रिमांड परः शहर की निचली अदालत ने महिला एसीपी के साथ अभद्रता, राजकार्य में बाधा और एससी,एसटी केस के आरोपी वकील गोवर्धन सिंह को 4 मई तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है. पुलिस ने अदालत से आरोपी का दस दिन का रिमांड मांगा था. पुलिस की ओर से आरोपी वकील को अदालत में पेश किया गया. सरकारी वकील मुराद बेग ने अदालत को बताया की आरोपी से विस्तृत पूछताछ करनी है. ऐसे में उसे दस दिन का रिमांड दिया जाए. जिसका आरोपी पक्ष की ओर से विरोध किया गया. इस पर अदालत ने आरोपी को 4 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.