जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून से 18 से 44 साल की आयु के लोगों को निशुल्क वैक्सीन लगाने की घोषणा की है, लेकिन इससे पहले राजस्थान सरकार अपने स्तर पर वैक्सीन की खरीद कर रही थी. राज्य सरकार ने तकरीबन 102 करोड़ रुपए का भुगतान दोनों वैक्सीन कंपनियों को कर दिया था, लेकिन अभी तक सिर्फ करीब 60 करोड़ रुपए की वैक्सीन ही प्रदेश को मिल पाई है. ऐसे में 40 करोड़ रुपए अभी भी वैक्सीन निर्माता कंपनियों के पास अटके हुए हैं और समय पर राजस्थान को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है.
मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा का कहना है कि हमने दोनों वैक्सीन कंपनियों को एडवांस में भुगतान कर दिया, लेकिन लंबे समय से वैक्सीन नहीं मिल पा रही. मंत्री का कहना है कि 102 करोड़ रुपए का भुगतान कंपनियों को किया गया है और उसमें से करीब 60 करोड़ रुपए के वैक्सीन वाइल अभी तक मिल पाए हैं. ऐसे में मंत्री का कहना है कि एडवांस पेमेंट के बावजूद भी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने सही समय पर वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवाई है, जिसके चलते 18 से 44 आयु वर्ग के टीकाकरण का कार्यक्रम प्रभावित हो रहा है.
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राजस्थान के पास हर रोज 15 लाख वैक्सीनेट की क्षमता
चिकित्सा मंत्री ने दावा किया है कि अगर सही समय पर राज्य को वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए तो हर दिन 15 लाख लाभार्थियों को चिकित्सा विभाग वैक्सीन लगा सकता है. मंत्री का कहना है कि मौजूदा समय में चिकित्सा विभाग ने 18 हजार वैक्सीनेशन केंद्र तैयार किए हैं, जहां पर्याप्त स्टोरेज की क्षमता है. मौजूदा समय की बात की जाए तो प्रदेश में तकरीबन 2 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. मंत्री ने यह भी दावा किया है कि 45 साल से अधिक आयु वर्ग के वैक्सीनेशन में केवल 0.7 फीसदी वेस्टेज है.