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ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज नहीं होने पर पीआईएल, सुनवाई 25 को

राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है. लेकिन इसके बाद भी मरीजों को उचित इलाज नहीं हो रहा है. इस मामले को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है. जिस पर खंडपीठ 25 मई को सुनवाई करेगी.

जयपुर न्यूज, rajasthan highcourt news
ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज नहीं होने पर दर्ज हुई जनहित याचिका
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Published : May 21, 2021, 10:12 PM IST

जयपुर. प्रदेश में ब्लैक फंगस बीमारी को महामारी घोषित करने के बाद भी इसके मरीजों का उचित इलाज नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है. जिस पर खंडपीठ 25 मई को सुनवाई करेगी.

अधिवक्ता सिद्धार्थ जैन की ओर से पेश इस जनहित याचिका में मुख्य सचिव, प्रमुख स्वास्थ्य सचिव के साथ ही प्रमुख वित्त सचिव सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया है. जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी को महामारी तो घोषित कर दिया, लेकिन अस्पतालों में इस बीमारी का उचित इलाज मुहैया नहीं हो रहा.

पढ़ें- दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री पहाड़िया के भतीजे के घर में चोरी...अंतिम संस्कार में शामिल होने दिल्ली गए थे नवल किशोर पहाड़िया

बीमारी के इलाज में काम आ रहे इंजेक्शन लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बाजार में मिल ही नहीं रहे हैं. जबकि डॉक्टर्स मरीजों के परिजनों को 40 से 50 इंजेक्शन लाने के लिए पर्ची थमा रहे हैं. ऐसे में मरीजों को इंजेक्शन नहीं लगने के कारण उनकी मौत हो रही है. इसलिए ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में काम आ रहे इंजेक्शनों को राज्य सरकार अस्पतालों में ही मुहैया कराए. इसके अलावा जिन मरीजों की इलाज के अभाव में ब्लैक फंगस से मौत हुई है, उनके परिजनों को भी राज्य सरकार पांच लाख रुपए मुआवजा दे.

जयपुर. प्रदेश में ब्लैक फंगस बीमारी को महामारी घोषित करने के बाद भी इसके मरीजों का उचित इलाज नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है. जिस पर खंडपीठ 25 मई को सुनवाई करेगी.

अधिवक्ता सिद्धार्थ जैन की ओर से पेश इस जनहित याचिका में मुख्य सचिव, प्रमुख स्वास्थ्य सचिव के साथ ही प्रमुख वित्त सचिव सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया है. जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी को महामारी तो घोषित कर दिया, लेकिन अस्पतालों में इस बीमारी का उचित इलाज मुहैया नहीं हो रहा.

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बीमारी के इलाज में काम आ रहे इंजेक्शन लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बाजार में मिल ही नहीं रहे हैं. जबकि डॉक्टर्स मरीजों के परिजनों को 40 से 50 इंजेक्शन लाने के लिए पर्ची थमा रहे हैं. ऐसे में मरीजों को इंजेक्शन नहीं लगने के कारण उनकी मौत हो रही है. इसलिए ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में काम आ रहे इंजेक्शनों को राज्य सरकार अस्पतालों में ही मुहैया कराए. इसके अलावा जिन मरीजों की इलाज के अभाव में ब्लैक फंगस से मौत हुई है, उनके परिजनों को भी राज्य सरकार पांच लाख रुपए मुआवजा दे.

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