जयपुर. पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को जयपुर में भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन किया और कांग्रेस पर जमकर (Protest in Rajasthan Against PM Security Breach) निशाना साधा.
विरोध-प्रदर्शन और धरना गांधी सर्किल पर दिया गया, लिहाजा यहां मौजूद भाजपा प्रदर्शनकारियों ने 'रघुपति राघव राजा राम' का भजन के जरिए पंजाब कांग्रेस सरकार की सद्बुद्धि की प्रार्थना भी की. कार्यक्रम पार्टी के शॉट नोटिस पर किया गया, बावजूद इसके धरने में जयपुर में मौजूद लगभग सभी बड़े नेता जुटे. वहीं, पार्टी से जुड़े अन्य कार्यकर्ताओं की भी यहां अच्छी खासी संख्या देखी गई.
जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में जिस प्रकार से चूक हुई, उससे भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित है. यही कारण है कि कम समय की सूचना के बावजूद धरने में काफी संख्या में कार्यकर्ता और नेता जुटे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ, अरुण चतुर्वेदी और अशोक परनामी पंजाब में हुई घटना को कांग्रेस का षड्यंत्र (PM Security Breach in Punjab) करार देते हुए कांग्रेस द्वारा जनता से माफी मांगने की मांग की गई.
इन नेताओं के अनुसार प्रधानमंत्री के काफिले को 20 मिनट तक पुलिया पर रोका जाना और लवाजमा के साथ पंजाब डीजीपी और मुख्य सचिव का न होना, इसका सबूत है कि जो घटनाक्रम हुआ वो पंजाब कांग्रेस का एक (BJP Leaders Called Punjab Incident a Conspiracy of Congress) षड्यंत्र ही था. वहीं, मानसरोवर में भाजपा महिला मोर्चा ने भी प्रधानमंत्री की दीर्घायु के लिए महामृत्युंजय का जाप किया, जिसमें बड़ी संख्या में जयपुर शहर से जुड़ी मोर्चे की पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहीं.
ये बड़े नेता रहे धरने में मौजूद...
जयपुर के गांधी सर्किल पर हुए इस धरने में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी,अशोक परनामी के साथ मौजूदा विधायक डॉ अशोक लाहोटी,रामलाल शर्मा ,जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष राघव शर्मा और महापौर शील धाभाई, उपमहापौर पुनीत कर्णावत, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष सरदार अजय पाल सिंह को प्रदेश मंत्री श्रवण सिंह बगड़ी सहीत भाजपा से जुड़े भी कई पदाधिकारी नेता और पार्षद मौजूद रहे.
सियासी दंगल में कोरोना का संक्रमण भूले नेता...
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध का मामला सियासी मुद्दा बन गया है. यही कारण है कि इस मामले में विरोध-प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेता व कार्यकर्ता जयपुर में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण को भुला बैठे. गांधी सर्किल पर हुए धरने में इसका नजारा भी देखने को मिला. नए गाइडलाइन के अनुसार 100 से अधिक लोग (Flouting The Corona Guideline in BJP Protest) राजनीतिक कार्यक्रम इकट्ठे नहीं हो सकते, लेकिन यहां 100 कार्यकर्ताओं की लिमिट लगभग पार हुई नजर आई.
वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग इस धरने के दौरान बिल्कुल भी नहीं थी. अधिकतर भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने मुंह पर मास्क तो लगा रखा था, लेकिन बहुत से कार्यकर्ता और नेता ऐसे भी थे जो बिना मास्क लगाए धरने में शामिल रहे. यही सवाल जब भाजपा से जुड़े पदाधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करने की बात तो कही, लेकिन यह भी कहा कि जब मामला प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा है तो स्वत: ही अधिक संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हो जाते हैं.
अलवर में भी विरोध-प्रदर्शन...
पंजाब में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले रोकने का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. पूरे देश में भाजपा कांग्रेस पर हमला बोल रही है व लगातार इस पूरी घटना की निंदा हो रही है. अलवर में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को नगर परिषद के बाहर विरोध-प्रदर्शन करते हुए (BJP Protest in Alwar) धरना दिया. बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता नगर परिषद के बाहर बैठे.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह सोची समझी साजिश है. योजना बनाकर आलाकमान के निर्देश पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया है. यह लोकतंत्र की हत्या है. देश का प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व मंत्री किसी भी जगह पर जनसभा कर सकते हैं. प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम को बदला है, उसकी सूचना चन्नी सरकार को दी गई और पंजाब की कांग्रेस सरकार इस सूचना को लीक करते हुए किसानों तक पहुंचाया. प्रधानमंत्री के काफिले में पंजाब के बड़े अधिकारी भी गायब थे. ऐसे में साफ है कि योजना बनाकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया.