जयपुर. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा सहयोगिनियों, मिनी केंद्र कार्यकर्ताओं और ग्रामीण साथियों को राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांग तेज होने लगी है. इसके साथ ही जब तक राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता तब तक 21 हजार रुपए मानदेय देने की भी मांग की जा रही है.
आंगनबाड़ी कर्मचारियों से जुड़ी 15 मांगों को लेकर शुक्रवार को राजस्थान आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ के बैनर तले जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दिया गया. इसमें प्रदेशभर से आई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा सहयोगिनियों, मिनी केंद्र कार्यकर्ता और ग्रामीण साथिन शामिल हुई.
राजस्थान आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ की प्रदेशाध्यक्ष शाहिदा खान का कहना है कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने आंगनबाड़ी कर्मचारियों को लेकर कई वादे किए थे. जिनमें आंगनबाड़ी में काम करने वाली महिलाओं को स्थायी करने का वादा भी शामिल था, लेकिन सत्ता में आने के दो साल बाद भी अभी तक सरकार में उनकी सुध नहीं ली है. इसलिए सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए आज यह सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.
उनका कहना है कि अगले महीने आने वाले राज्य बजट में मुख्यमंत्री को आंगनबाड़ी कर्मचारियों को सौगात देते हुए उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित करने की घोषणा करनी चाहिए. उनका यह भी कहना है कि जब तक आंगनबाड़ी कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता है तब तक उनका मानदेय बढ़ाकर 21 हजार रुपए किया जाना चाहिए. ताकि वे अपना घर अच्छे से चला सके.
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इसके साथ ही महिला पर्यवेक्षक के पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बिना परीक्षा सिर्फ अनुभव के आधार पर लगाने, कार्यकर्ताओं और आशाओं को अनुभव और योग्यता के आधार पर प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति देने, आशा सुपरवाइजर के चयन में आशा सहयोगिनियों को प्राथमिकता देने और आशाओं को एक ही विभाग के अधीन कर उनका मानदेय बढ़ाने जैसी अन्य मांगों को पूरा करने की भी सरकार से मांग की जा रही है.