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राजकीय कर्मचारियों के लिए उच्च स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेना हुआ आसान, अब नहीं कटेंगी छुट्टियां और वेतन

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Published : Jun 13, 2022, 6:51 PM IST

उच्च स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले राजकीय कर्मचारियों की अब ना तो छुट्टियां कटेंगी और ना ही वेतन. प्रदेश सरकार ने इस संबंध में प्रशासनिक प्रस्ताव को मंजूरी दी (proposal approved for players who took part in high level games) है. इसके बाद राजकीय कर्मचारी ऑन ड्यूटी खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग ले सकेंगे.

Proposal approved for players who took part in high level games, now no cut in leaves and salary
राजकीय कर्मचारियों के लिए उच्च स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेना हुआ आसान, अब नहीं कटेंगी छुट्टियां और वेतन

जयपुर. उच्च स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे राजकीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने उच्च स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को बड़ी राहत दी है. अब प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों कि न तो छुट्टियां कटेंगी और ना ही (No payment and leave cut for players in govt jobs) वेतन.

यह जारी हुआ आदेश: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजकीय कर्मचारियों को राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिए ऑन ड्यूटी भेजे जाने के प्रशासनिक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. राजस्थान आउट ऑफ द टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मेडल विनर्स रूल्स, 2017 में इस संशोधन के बाद राजकीय कर्मचारी ऑन ड्यूटी खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग ले सकेंगे. साथ ही, केन्द्र सरकार या किसी अन्य राज्य में नियुक्त अधिकारी-कर्मचारी जो राजस्थान के मूल निवासी को पदक जीतने पर पे प्रोटेक्ट करते हुए समकक्ष पद पर राज्य में नियुक्ति दिए जाने के प्रशासनिक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

पढ़ें: राजस्थान पुलिस में खेल कोटे की भर्ती में बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों के नियम विरुद्ध चयन पर उठे सवाल...

यह आ रही थी समस्या: दरअसल प्रदेश में गहलोत के सत्ता में आने के बाद 182 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी दी (Out of turn jobs for Rajasthan players) है. सभी खिलाड़ियों ने नियुक्ति भी ले ली, लेकिन नियुक्ति के साथ ही इन खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस डाउन होने लगी है. खिलाड़ियों को नई नौकरी ज्वाइन करने के साथ 2 साल के प्रोबेशन टाइम में छुट्टियां नहीं मिल पा रही हैं. जिसके चलते वो अपना नियमित अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं. इतना ही नहीं ये खिलाड़ी प्रतियोगिता में भाग इसलिए नहीं ले पा रहे क्योंकि उन्हें छुट्टियां नहीं रही हैं. हालात यह हो गए हैं कि जो खिलाड़ी एशियन गेम्स में मेडल जीत चुके हैं, वो अब डाउन परफॉर्मेंस की वजह से सलेक्ट भी नहीं हो पाए.

पढ़ें: राजस्थान के राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता 65 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति

182 खिलाड़ियों को मिली आउट ऑफ टर्न नौकरी: गहलोत सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता 182 खिलाड़ियों को अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी दी है. ग्रेड-ए में 13, ग्रेड-बी में 23 और ग्रेड-सी में 146 खिलाड़ियों को नियुक्ति दी गई है. बता दें, गहलोत सरकार ने आउट ऑफ टर्न-2016 की पॉलिसी में संशोधन करते हुए मेडल के आधार पर खिलाड़ियों को नौकरी देने का निर्णय लिया था. इसको लेकर कैटेगरी भी तय की गई थी. अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी पाने वाले वाले 446 खिलाड़ियों को शामिल किया गया था. जिनमें से 182 खिलाड़ियों को अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी दी है.

जयपुर. उच्च स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे राजकीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने उच्च स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को बड़ी राहत दी है. अब प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों कि न तो छुट्टियां कटेंगी और ना ही (No payment and leave cut for players in govt jobs) वेतन.

यह जारी हुआ आदेश: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजकीय कर्मचारियों को राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिए ऑन ड्यूटी भेजे जाने के प्रशासनिक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. राजस्थान आउट ऑफ द टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मेडल विनर्स रूल्स, 2017 में इस संशोधन के बाद राजकीय कर्मचारी ऑन ड्यूटी खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग ले सकेंगे. साथ ही, केन्द्र सरकार या किसी अन्य राज्य में नियुक्त अधिकारी-कर्मचारी जो राजस्थान के मूल निवासी को पदक जीतने पर पे प्रोटेक्ट करते हुए समकक्ष पद पर राज्य में नियुक्ति दिए जाने के प्रशासनिक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

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यह आ रही थी समस्या: दरअसल प्रदेश में गहलोत के सत्ता में आने के बाद 182 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी दी (Out of turn jobs for Rajasthan players) है. सभी खिलाड़ियों ने नियुक्ति भी ले ली, लेकिन नियुक्ति के साथ ही इन खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस डाउन होने लगी है. खिलाड़ियों को नई नौकरी ज्वाइन करने के साथ 2 साल के प्रोबेशन टाइम में छुट्टियां नहीं मिल पा रही हैं. जिसके चलते वो अपना नियमित अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं. इतना ही नहीं ये खिलाड़ी प्रतियोगिता में भाग इसलिए नहीं ले पा रहे क्योंकि उन्हें छुट्टियां नहीं रही हैं. हालात यह हो गए हैं कि जो खिलाड़ी एशियन गेम्स में मेडल जीत चुके हैं, वो अब डाउन परफॉर्मेंस की वजह से सलेक्ट भी नहीं हो पाए.

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182 खिलाड़ियों को मिली आउट ऑफ टर्न नौकरी: गहलोत सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता 182 खिलाड़ियों को अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी दी है. ग्रेड-ए में 13, ग्रेड-बी में 23 और ग्रेड-सी में 146 खिलाड़ियों को नियुक्ति दी गई है. बता दें, गहलोत सरकार ने आउट ऑफ टर्न-2016 की पॉलिसी में संशोधन करते हुए मेडल के आधार पर खिलाड़ियों को नौकरी देने का निर्णय लिया था. इसको लेकर कैटेगरी भी तय की गई थी. अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी पाने वाले वाले 446 खिलाड़ियों को शामिल किया गया था. जिनमें से 182 खिलाड़ियों को अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी दी है.

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