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Rajasthan Highcourt: सामान्य वर्ग के पद पर आरक्षित वर्ग के अधिकारी की पदोन्नति को माना सही, अपील खारिज

राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने वाणिज्यिक कर विभाग में सामान्य वर्ग के पद पर आरक्षित वर्ग के अधिकारी को पदोन्नति देने को लेकर दायर अपील को हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने खारिज कर दिया है.

Rajasthan Highcourt
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Published : Feb 12, 2022, 8:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने वाणिज्यिक कर विभाग में उपायुक्त से अतिरिक्त आयुक्त के पद पर अनारक्षित रोस्टर पॉइंट के विपरीत जाकर आरक्षित वर्ग के अधिकारी को पदोन्नत करने को लेकर दायर अपील को हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने खारिज कर दिया है. अधिकरण ने यह आदेश शिवकुमार शर्मा की अपील को खारिज करते हुए दिए.

अपील में विभाग के 8 अक्टूबर 2020 के पदोन्नति आदेश को चुनौती दी गई थी. इसमें बताया था कि विभाग ने अनारक्षित रोस्टर प्वाइंट के विपरीत जाकर आरक्षित वर्ग के अधिकारी शिवदयाल मीणा को अतिरिक्त आयुक्त के पद पर पदोन्नति दे दी. जबकि वर्ष 2015-16 में शिवदयाल को पेनल्टी के चलते उपायुक्त पद पर पदोन्नति नहीं दी गई थी.

पढ़ें. Rajasthan High Court: विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारकों को शिक्षक भर्ती में शामिल करने के आदेश

बाद में वर्ष 2016-17 की रिक्तियों के विरूद्ध पदोन्नति दी गई थी. ऐसे में विभाग ने उन्हें गलत तरीके से अतिरिक्त आयुक्त के पद पर 8 अक्टूबर 2020 को पदोन्नत कर दिया. इसके विरोध में शिवदयाल की ओर से अधिवक्ता आर.डी मीणा ने कहा कि अपीलार्थी की विभाग में नियुक्ति 7 दिसंबर 1991 को हुई थी. जबकि वह 5 दिसंबर 1991 को ही नियुक्त हो चुका था.

इसके अलावा वह वर्ष 2002-03 में सीटीओ बना था और अपीलार्थी वर्ष 2008-09 में सीटीओ पदोन्नत हुआ था. ऐसे में वह शुरू से ही अपीलार्थी से वरिष्ठ रहा है. इसके अलावा अतिरिक्त आयुक्त के पद पर योग्यता कम मेरिट के आधार पर नियुक्ति होती है. इसलिए उसकी अतिरिक्त आयुक्त के पद पर पदोन्नति नियमानुसार सही है. ऐसे में अपील को खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने अपील को खारिज कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने वाणिज्यिक कर विभाग में उपायुक्त से अतिरिक्त आयुक्त के पद पर अनारक्षित रोस्टर पॉइंट के विपरीत जाकर आरक्षित वर्ग के अधिकारी को पदोन्नत करने को लेकर दायर अपील को हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने खारिज कर दिया है. अधिकरण ने यह आदेश शिवकुमार शर्मा की अपील को खारिज करते हुए दिए.

अपील में विभाग के 8 अक्टूबर 2020 के पदोन्नति आदेश को चुनौती दी गई थी. इसमें बताया था कि विभाग ने अनारक्षित रोस्टर प्वाइंट के विपरीत जाकर आरक्षित वर्ग के अधिकारी शिवदयाल मीणा को अतिरिक्त आयुक्त के पद पर पदोन्नति दे दी. जबकि वर्ष 2015-16 में शिवदयाल को पेनल्टी के चलते उपायुक्त पद पर पदोन्नति नहीं दी गई थी.

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बाद में वर्ष 2016-17 की रिक्तियों के विरूद्ध पदोन्नति दी गई थी. ऐसे में विभाग ने उन्हें गलत तरीके से अतिरिक्त आयुक्त के पद पर 8 अक्टूबर 2020 को पदोन्नत कर दिया. इसके विरोध में शिवदयाल की ओर से अधिवक्ता आर.डी मीणा ने कहा कि अपीलार्थी की विभाग में नियुक्ति 7 दिसंबर 1991 को हुई थी. जबकि वह 5 दिसंबर 1991 को ही नियुक्त हो चुका था.

इसके अलावा वह वर्ष 2002-03 में सीटीओ बना था और अपीलार्थी वर्ष 2008-09 में सीटीओ पदोन्नत हुआ था. ऐसे में वह शुरू से ही अपीलार्थी से वरिष्ठ रहा है. इसके अलावा अतिरिक्त आयुक्त के पद पर योग्यता कम मेरिट के आधार पर नियुक्ति होती है. इसलिए उसकी अतिरिक्त आयुक्त के पद पर पदोन्नति नियमानुसार सही है. ऐसे में अपील को खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने अपील को खारिज कर दिया है.

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