जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय जयपुर एयरपोर्ट को निजीकरण के हाथों जाने में अभी कुछ और समय लगेगा. एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया में एक बार फिर ठहराव देखने को मिला है. इससे पहले एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर राज्य सरकार द्वारा बीच में आ जाने के बाद एमओयू कैंसिल हो गया था.
बता दें कि अभी तक 3 एयरपोर्टों को निजीकरण के लिए अनुमति दे दी गई है. जिसमें अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरू एयरपोर्ट के निजीकरण की मंजूरी अडानी ग्रुप को मिल चुकी है और इन तीनों एयरपोर्टों को जून महीने में अडानी ग्रुप को सौंप दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार मार्च में जयपुर एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप को सौंपने की बात सामने आ रही थी. लेकिन जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण को कैबिनेट ने अभी अप्रूव नहीं किया है.
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जानकारी के अनुसार जून तक जयपुर एयरपोर्ट को निजीकरण के हाथों में सौंपना संभव नहीं है. ऐसे में अभी जयपुर के साथ गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम का निजीकरण भी रुका हुआ है. बता दें कि अब अडानी ग्रुप को जयपुर एयरपोर्ट को लेने के लिए कुछ और समय का इंतजार करना पड़ेगा. वहीं, अडानी ग्रुप ने सबसे ज्यादा बोली लगाकर जयपुर एयरपोर्ट को निजीकरण करने के लिए लिया था.