जयपुर. प्रदेश के निजी शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को ज्ञापन सौंपकर लॉकडाउन के समय का वेतन दिलवाने की मांग की है. शिक्षकों ने बिगड़े हुए आर्थिक हालातों का हवाला देते हुए सरकार से आर्थिक मदद देने या शिक्षण संस्थानों से वेतन दिलवाने की मांग की और मांग नहीं माने जाने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
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प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने के मामले सामने आने के बाद, अब ये शिक्षक निजी शिक्षक बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन की राह पर उतरने के लिए तैयार हैं. दरअसल, राजस्थान में 22 मार्च से लगे लॉकडाउन के बाद से अब तक शिक्षण संस्थानों को नहीं खोला गया है. राज्य सरकार के निर्देश पर इन शिक्षण संस्थानों को अभी अभिभावकों से फीस नहीं लेने के लिए भी पाबंद किया गया है. ऐसी स्थिति में कई निजी शिक्षण संस्थान अपने शिक्षकों को वेतन भी नहीं दे रहे.
निजी शिक्षकों को कोई आर्थिक सहायता भी नहीं मिल रही और ना ही स्कूल संचालक उन्हें वेतन दे रहे हैं. ऐसे में निजी स्कूलों के शिक्षकों को जीवन यापन करने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. कुछ शिक्षक तो ऐसे हैं जो कर्ज लेकर घर का खर्च चला रहे हैं. उन्होंने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि लॉकडाउन के समय का वेतन उन्हें दिलाया जाए, या आर्थिक सहायता दी जाए. इसके साथ ही प्रदेश की विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले जिन 9 शिक्षकों ने आत्महत्या की है, उनके परिवार से किसी एक को नौकरी और 25 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए.