जयपुर. मोदी सरकार (Modi government) ने दिवाली से ठीक 1 दिन पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती (Cut prices) कर आमजन को बड़ी राहत दी थी. मोदी सरकार के निर्णय का असर करने का असर राज्य सरकारों पर दिखाई देने लगा है. हरियाणा समेत कई राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को दाम कर दिए. गहलोत सरकार (Gehlot Sarkar) भी पेट्रोल और डीजल के दाम करने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेशवासियों का कहना है कि मोदी सरकार के बाद गहलोत सरकार को भी राहत देने चाहिए.
प्रदेशवासी पेट्रोल और डीजल के दाम करने की गहलोत सरकार से उम्मीद लगाए है. लोगों का कहना है कि बीते कुछ समय से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी. जिसके चलते महंगाई भी बढ़ती जा रही थी. बढ़ती महंगाई के चलते घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा था.
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ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल पर 6 रुपए 35 पैसे कम किए गए हैं तो वहीं डीजल पर 12 रुपए 68 पैसे कम हुए हैं. जिसके बाद डीजल के दाम ₹100 प्रति लीटर से भी नीचे आ गए. मोदी सरकार के निर्णय से आमजन को राहत मिली है. लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती करनी चाहिए. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वैट की दरों में कटौत करने के इंकार कर दिया है.
राजस्थान में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल
प्रदेश की मौजूदा स्थिति की बात करें तो राज्य सरकार द्वारा फिलहाल पेट्रोल और डीजल पर सबसे अधिक टैक्स वसूला जा रहा है. मौजूदा समय में डीजल पर 26% वैट और 1.75 रुपए सेस वसूल किया जा रहा है. जबकि पेट्रोल पर 36% वेट और 1.50 रुपए प्रति लीटर सेस की वसूली की जा रही है. जानकारों की माने तो केंद्र सरकार की तर्ज पर यदि राज्य सरकार वैट दरों में कटौती करती है तो पेट्रोल और डीजल के दाम और कम हो जाएंगे. प्रदेश की मौजूदा स्थिति की बात करें तो पेट्रोल के दाम 111.10 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 95.71 रुपए प्रति लीटर बने हुए हैं. राजस्थान में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल बिक रहा है.