जयपुर. उत्तराखंड के ट्रांसपोर्ट विभाग की एक टीम रविवार को राजधानी जयपुर पहुंची. जहां व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रेजेंटेशन दिया गया है. इस सिस्टम से कमर्शियल वाहन में ट्रेकिंग सिस्टम लगाकर उनके आवागमन पर नजर रखी जा सकेगी.
राजस्थान में करीब दो लाख कमर्शियल वाहनों की संख्या सड़कों पर सरपट दौड़ रही है. इन वाहनों के लोकेशन क्या है, व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से पता लगाया जा सकेगा. वाहनों के अंदर व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जाएगी. जिससे उस व्हीकल की लोकेशन क्या है, वाहन कहां जा रहा है, वाहन कहां-कहां रुक रहा है और वाहन की स्पीड क्या है, इन सब का परिवहन विभाग पता लगा सकेगा. साथ ही अब वाहनों के अंदर वेरियस एलर्ट भी रहेगा. जिससे वाहन आपात स्थिति में होगा तो सेफ्टी मैकेनिक भेजा जा सकेगा.
परिवहन विभाग की टीम ने आयुक्त रवि जैन ने बताया कि उत्तराखंड में जुलाई 2019 में यह सिस्टम लागू कर दिया गया था. 1 जनवरी 2019 से रजिस्टर्ड वाहनों में भी यह ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया गया था. जिससे वाहन पर तीसरी नजर रखी जा सकती है.
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राजस्थान परिवहन विभाग के अधिकारियों ने भी इस ट्रैकिंग सिस्टम की सराहना की है. इस तरह की डिवाइस वाहनों में होगी तो तुरंत प्रभाव जानकारी जुटाई जा सकेगी. इस सिस्टम को राजस्थान में लागू करने के लिए राज्य सरकार के समक्ष भी रखा जाएगा. जिससे राजस्थान में भी व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लागू हो सकेगा और अवैध वाहनों पर लगाम लगाई जा सकेगी.