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नगरपालिका चुनावों को लेकर तेज हुई सरगर्मियां, भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों की मैराथन बैठकें शुरू

जयपुर के रेनवाल में भाजपा और कांग्रेस दोनो पार्टियों ने बैठकें शुरू कर दी हैं. रेनवाल नगरपालिका में पिछले 6 बोर्ड में दो बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा के अध्यक्ष चुने गए हैं. बोर्ड के पहले चुनाव में भाजपा के समर्थन से निर्दलीय अध्यक्ष चुना गया था. ऐसे में इस बार यह अध्यक्ष का चुनाव भाजपा और कांग्रेस दाेनों की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है.

राजस्थान समाचार, Rajastha political news
नगरपालिका चुनावों को लेकर तेज हुई तैयारियां
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Published : Nov 19, 2020, 3:03 PM IST

जयपुर. रेनवाल नगरपालिका चुनाव के नजदीक आने के साथ ही दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं. दीवाली पर रामा-श्यामा के बहाने दावेदारों ने घर-घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिशें की. रेनवाल नगरपालिका में वार्ड पार्षद का चुनाव 11 दिसंबर को होने वाला है. भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपनी मैराथन बैठकें शुरू कर उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है.

पढ़ेंः अलवर: तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, आंकड़ा 23 हजार के पार

वहीं, माहेश्वरी धर्मशाला में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक हुई. जिसमें विधायक निर्मल कुमावत और चुनाव प्रभारी तेज सिंह ने वार्ड के अनुसार कार्यकर्ताओं से मिलकर दावेदारों के फीडबैक लिए. इधर किसान शिव मंदिर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक हुई. जिसमें कांग्रेस नेता विद्याधर सिंह ने कार्यकर्ताओं से पार्टी के उम्मीदवार को जीताने का आहवान किया.

पढ़ेंः अजमेर: सूने मकान और पॉली हाउस में चोरों का धावा..लाखों का माल पार, 90 कट्टे सीमेंट भी ले गए

बता दें कि रेनवाल नगरपालिका में पिछले 6 बोर्ड में दो बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा के अध्यक्ष चुने गए हैं. बोर्ड के पहले चुनाव में भाजपा के समर्थन से निर्दलीय अध्यक्ष चुना गया था. ऐसे में इस बार यह अध्यक्ष का चुनाव भाजपा और कांग्रेस दाेनों की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. क्योंकि इस बार अध्यक्ष का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. हांलाकि इसमें सामान्य वर्ग के साथ ओबीसी, एससी, महिला कोई भी अध्यक्ष बन सकता है. शहर में कुल 35 वार्ड है और करीब 22 हजार मतदाता हैं.

पढ़ेंः प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी, राठौड़ ने लगाया सरकारी बदइंतजामी का आरोप, की ये मांग

किशनगढ़-रेनवाल नगरपालिका का गठन 1985 में हुआ था, यहां पहला चुनाव 1990 में हुआ था. 30 साल के 6 बोर्ड के कार्यकाल में नगरपालिका के 11 अध्यक्ष रह चुके हैं. छह बोर्ड में तीन अध्यक्ष ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है. अब से पहले छह बोर्ड में चार बार सामान्य जाति के अध्यक्ष चुने गए जबकि दो बार ओबीसी वर्ग का अध्यक्ष बना.

जयपुर. रेनवाल नगरपालिका चुनाव के नजदीक आने के साथ ही दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं. दीवाली पर रामा-श्यामा के बहाने दावेदारों ने घर-घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिशें की. रेनवाल नगरपालिका में वार्ड पार्षद का चुनाव 11 दिसंबर को होने वाला है. भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपनी मैराथन बैठकें शुरू कर उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है.

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वहीं, माहेश्वरी धर्मशाला में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक हुई. जिसमें विधायक निर्मल कुमावत और चुनाव प्रभारी तेज सिंह ने वार्ड के अनुसार कार्यकर्ताओं से मिलकर दावेदारों के फीडबैक लिए. इधर किसान शिव मंदिर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक हुई. जिसमें कांग्रेस नेता विद्याधर सिंह ने कार्यकर्ताओं से पार्टी के उम्मीदवार को जीताने का आहवान किया.

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बता दें कि रेनवाल नगरपालिका में पिछले 6 बोर्ड में दो बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा के अध्यक्ष चुने गए हैं. बोर्ड के पहले चुनाव में भाजपा के समर्थन से निर्दलीय अध्यक्ष चुना गया था. ऐसे में इस बार यह अध्यक्ष का चुनाव भाजपा और कांग्रेस दाेनों की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. क्योंकि इस बार अध्यक्ष का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. हांलाकि इसमें सामान्य वर्ग के साथ ओबीसी, एससी, महिला कोई भी अध्यक्ष बन सकता है. शहर में कुल 35 वार्ड है और करीब 22 हजार मतदाता हैं.

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किशनगढ़-रेनवाल नगरपालिका का गठन 1985 में हुआ था, यहां पहला चुनाव 1990 में हुआ था. 30 साल के 6 बोर्ड के कार्यकाल में नगरपालिका के 11 अध्यक्ष रह चुके हैं. छह बोर्ड में तीन अध्यक्ष ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है. अब से पहले छह बोर्ड में चार बार सामान्य जाति के अध्यक्ष चुने गए जबकि दो बार ओबीसी वर्ग का अध्यक्ष बना.

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