जयपुर. राजस्थान में एक बार चुनावी माहौल शुरू हो गया है, निकाय चुनाव नवंबर में होने जा रहे हैं इसको लेकर तैयारियां तेज हो गई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. जिसमें सरकार को 15 अक्टूबर से पहले तबादले करने के आदेश जारी किए गए हैं. खास करके उन अफसरों के तबादलों के निर्देश जारी किए गए, जो पिछले 3 साल से एक ही जगह पर जमे हुए हैं.
वहीं आदेश में कहा गया है कि 15 अक्टूबर से पहले उन सभी कर्मचारी अधिकारी और अफसरों के तबादले कर दी जाए. तीन साल से एक ही जगह पर तैनात है. इसमें वे अफसर शामिल होंगे जिनको 30 नवंबर 2019 को 3 साल पूरे हो रहे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार चुनाव के दौरान अधिकारी खुद के गृह जिले में पद स्थापित नहीं रह सकते.
इसके अलावा थानाधिकारी नायब तहसीलदार और उप निरीक्षक भी उस नगर पालिका क्षेत्र में पद स्थापित नहीं रहेंगे. जो उनके गृह नगर पालिका क्षेत्र है या वहां 3 वर्ष से अधिक से काम कर रहे हैं. राज्य सरकार को चुनाव की आचार संहिता से जुड़े तमाम नियमों फॉलो करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
नई पंचायतों के प्रस्ताव तैयार करने के लिए कलेक्टर को दिए गए 15 दिन
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग में ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समितियों के पुनर्गठन कार्यों के प्रस्ताव तैयार करने के लिए जिला कलेक्टर को 15 दिन का समय और बढ़ा दिया है. संशोधित कार्यक्रम के अनुसार जिला कलेक्टर की ओर से नई ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के प्रस्ताव तैयार करने और प्रशासन के लिए 45 दिन का समय दिया गया है.
इसके तहत कलेक्टर को 29 जुलाई तक यह काम पूरा करना होगा. इन पर आपत्तियां 30 जुलाई से 29 अगस्त तक आमंत्रित की जाएगी. आपत्तियों पर 30 अगस्त से 4 सितंबर तक सुनवाई होगी इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर पंचायती राज विभाग को भिजवाने के लिए 5 सितंबर से 7 सितंबर का समय निर्धारित किया गया है. इधर पंचायतों के पुनर्गठन प्रकोष्ठ का भी गठन कर दिया गया है.
नगर निकायों को नगर पालिकाओं के चुनाव के मद्देनजर अब सरकार को बड़े स्तर पर तबादले करने होंगे. हालांकि आचार संहिता खत्म होने के बाद से ही लगातार प्रदेश में गहलोत सरकार तबादलों का दौर जारी कर रखा है, लेकिन अब तक के तबादले बड़े अधिकारियों के जा रहे थे. लेकिन अब नगर पालिका नगर निकाय से लेकर शहरों तक के तबादले किए जाएंगे.