जयपुर. विदेशों में फंसे प्रवासी राजस्थानियों को लॉकडाउन के दौरान वापस राजस्थान लाने का सिलसिला लगातार जारी है. वंदे भारत मिशन का अब तीसरा चरण भी खत्म हो गया है. 30 जून से 12 जुलाई तक वंदे भारत मिशन का चौथा चरण होगा. अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत चौथे चरण में 11 फ्लाइट प्रवासी राजस्थानियों को लेकर आएंगी.
उन्होंने बताया कि इनमें से 5 फ्लाइट कुवैत से आएंगी. मास्को, दुबई, किर्गिस्तान, यूक्रेन से 1-1 और बहरीन से 2 फ्लाइट से प्रवासी राजस्थानी आएंगे. अग्रवाल ने बताया कि 28 जून तक प्रदेश में 57 फ्लाइट से 8846 प्रवासी राजस्थानी आए हैं. सचिवालय में विदेशों से आ रहे प्रवासी लोगों की रहने, खाने और क्वॉरेंटाइन और आगे की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की गई.
बैठक में एमडी रीको आशुतोष पेडणेकर, जयपुर जिला कलेक्टर जोगाराम, क्वॉरेंटाइन अधिकारी गंगवाल, डॉक्टर निर्मल जैन, गौतम शर्मा, पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह, राजेंद्र शर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि उदयपुर संभाग के जो भी लोग विदेश से वापस राजस्थान आ रहे हैं, उनकी फ्लाइट को जयपुर की जगह उदयपुर में लैंड कराने का प्रस्ताव भी दिया गया है.
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जयपुर से बसों के माध्यम से उदयपुर संभाग के जिलों में संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भी लोगों को भेजा जा रहा है. अग्रवाल ने बताया जयपुर के प्रवासियों की संस्थागत क्वॉरेंटाइन की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं. वहीं रीको के प्रबंध संचालक आशुतोष पेडणेकर ने बताया कि जयपुर में प्रवासी राजस्थानियों को लेकर पहली फ्लाइट से 22 मई को आई थी.
उन्होंने बताया कि प्रवासी राजस्थानियों के क्वॉरेंटाइन की सभी व्यवस्थाएं सही ठंग से संचालित हो रही हैं. बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा कजाकिस्तान से आ रही फ्लाइट रही. कजाकिस्तान से आने वाली फ्लाइट में वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स भी आ रहे हैं. कजाकिस्तान से आने वाली फ्लाइट्स में अन्य फ्लाइट्स से आने वाले प्रवासियों की तुलना में ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. बैठक में अग्रवाल ने बताया कि जेडीए की तरफ से स्थानीय प्रशासन के सहयोग से निशुल्क संस्थागत क्वॉरेंटाइन में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं भी की गई है.
वंदे भारत मिशन क्या है?
कोरोना वायरस के बाद पूरी दुनिया में लॉकडाउन लगा हुआ है. जिसके बाद भारत के लाखों लोग दूसरे देशों में फंस गए. जिसके बाद सरकार ने वंदे भारत मिशन के तहत विशेष फ्लाइट्स के माध्यम से प्रवासी भारतीयों को वापस वतन लाया जा रहा है. वंदे भारत मिशन के तहत खाड़ी देशों के साथ अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप से भारतीयों को वापस लाया जा रहा है. अकेले खाड़ी देशों से 3 लाख से अधिक भारतीयों ने भारत आने के लिए पंजीकरण करवाया था.