जयपुर. कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद मिले डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना से मौत का कारण नहीं लिखे होने के मामले में की गई शिकायतों पर प्रदेश सरकार ने भी संज्ञान ले लिया है. प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि काफी सारी शिकायतें संज्ञान में है और पूरे मामले की जांच (Investigation) के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस मामले में केंद्रीय गाइडलाइन बनाई जाए.
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इन दिनों प्रदेश (Corona In Rajasthan) में कोरोना के मरीज तो कम हो गए हैं, लेकिन अब ऐसी शिकायतें खासा चर्चा में हैं जिनमे कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद मौत के कारणों में कोविड-19 ( covid 19 ) का उल्लेख नहीं होता. ये किसी एक अस्पताल का मामला नहीं है, बल्कि सैकड़ों लोगों ने शिकायतें की हैं. इस मामले पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Rajasthan Transport Minister Pratap Singh Khachariyawas) ने भी संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि जिनकी मौत कोरोना से हुई है उनके परिजनों को जो डेथ सर्टिफिकेट (death certificate) जारी किया जा रहा है उसमें कई जगह मौत का कारण कोरोना नहीं बताकर अन्य बता दिए जाते हैं. ऐसा प्राइवेट और सरकारी दोनो ही तरह के हॉस्पिटल कर रहे हैं. इस मामले में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी अस्पतालों को विभाग की ओर से निर्देश जारी किए जाएं कि जिनकी मौत कोरोना से हुई है उनके डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कारण भी कोरोना ही बताया जाए.
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केंद्र सरकार बनाए गाइडलाइन
केंद्र सरकार (central government) से भी मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इसे लेकर केंद्र सरकार पूरे देश के लिए एक गाइडलाइन बनाए. राजस्थान में तो मुख्यमंत्री (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) से कहकर हम गाइडलाइन बनवा देंगे. लेकिन केंद्र की ओर से भी पूरे देश के लिए एक गाइडलाइन (guideline) जारी होनी चाहिए. ताकि अगर कोरोना से मरने वालों को राज्य व केंद्र सरकार की ओर से किसी योजना में लाभान्वित किया जाता है, तो उसका लाभ परिजनों को मिल सके.
तीन टीमें गठित
आंकड़ों की माने तो राजस्थान में 1 अप्रैल से 29 मई तक जयपुर जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और कोटा के कोविड-अस्पतालों में कुल 9567 मौतें हुई है, लेकिन डेथ सर्टिफिकेट में 4588 की ही मौत का कारण कोरोना लिखा गया है. अन्य 4979 मौतों का कारण किडनी फेलियर, कार्डियक अरेस्ट, ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, ब्लड क्लोटिंग, लंग्स फेलियर जैसे लिखे गए हैं. ऐसे में जो शिकायत सरकार के पास पहुंच रही है उनमें सच्चाई भी दिखाई देती है. प्रदेश सरकार ने कोरोना के चलते हुई मौतों की ऑडिट के लिए राजस्थान में तीन टीमें भी गठित कर दी गई है, जो 33 जिलों के गांव-गांव में जाकर मौत के असली आंकड़े जुटाएंगी.